JSSC CGL EXAM में पेपर लीक के आरोपों के बीच अब नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने इस परीक्षा पर सवाल खड़े किये हैं. उन्होंने हेमंत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार राज्य के युवाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है. CGL परीक्षा में बड़े-बड़े दावे किए गए लेकिन इसके बावजूद सरकार ने नौकरी बेचने का काम किया.
इंटरनेट इसलिए बंद किया ताकि बांट सके प्रश्न पत्र
अमर बाउरी ने कहा परीक्षा के नाम पर पूरे राज्य में इंटरनेट बंद कर दिया. सरकार ने रात के 2 बजे से इसलिए इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया ताकि ये लोग रात में ही प्रश्न पत्र बांट सके. इंटरनेट बंद करने का तर्क यह दिया गया कि असम सरकार ने भी परीक्षा में इंटरनेट बंद कर दिया लेकिन सच्चाई यह कि असम में काफी पहले ही सूचना दे दी गई थी.
परीक्षा में पिछले वर्षों के प्रश्नों को दोहराया गया
बाउरी ने कहा कि 2019, 2022, 2024 की परीक्षा के कई सारे प्रश्न को दोहराया गया है. छात्रों को परीक्षा से पहले ही उत्तर छात्रों के हाथ मे आ गए थे. भाजपा ने इस गड़बड़ी को प्रमुखता से उठाया है. छात्रों ने jssc के सामने सारे पुख्ता सबूत पेश किया है. बाउरी ने हेमंत सोरेन पर कड़ा प्रहार करते हुए बोला कि सीएम को jssc अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.
परीक्षा को लेकर पूरे देश में हो रही झारखंड की बदनामी
बाउरी ने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय ने इस सरकार को फ्रॉड कह कर संबोधित किया है. हम हमेशा से कहते आ रहे हैं कि यह सरकार झूठ बोल कर सत्ता में आई है. आज झारखंड की बदनामी पूरे देश में हो रही है और झारखंड की काबलियत पर सवाल उठाए जा रहे हैं. जबकि हकीकत यह है कि कमी सरकार में है.
पेपर लीक का विरोध करने वालों को धमकाया जा रहा है
अमर बाउरी ने सरकार पर प्रशासन का दुरुपयोग का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जिस किसी ने भी पेपर लीक का विरोध किया उसे प्रशासन की मदद से धमकाने का काम किया. छात्र पर सरकार का दबाब ज्यादा है इसलिए छात्र डरे हुए हैं. उन्होंने कहा कि जिस छात्रों ने सच के साथ खड़ा होने का काम किया है उनको धमकी मिल रही है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यदि किसी भी छात्र के साथ कोई भी अप्रिय घटना घटती है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी.
चंपाई सोरेन ने भी जांच की मांग की
इस मामले पर पूर्व सीएम चंपाई सोरेन ने कहा कि छात्रों की चिंताएं उचित है. पिछले सालों के प्रश्न को दोबारा पूछने का जो तर्क jssc दे रही है वह हास्यास्पद है. उन्होंने सरकार को राजनीति से उठ कर इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने को कहा. वहीं गुरुवार को छात्रों के एक समूह ने राज्यपाल से मिलकर उन्हें इस मामले में हस्तक्षेप करने का ज्ञापन सौंपा था जिसके बाद राज्यपाल संतोष गंगवार ने सीएम हेमंत सोरेन को इस मामले में जांच कराने के लिए पत्र लिखा है.
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