JSSC CGL Exam: नामकुम (रांची), राजेश वर्मा-जेएसएससी (झारखंड कर्मचारी चयन आयोग) द्वारा आयोजित सीजीएल की परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए अभ्यर्थियों ने नामकुम स्थित JSSC कार्यालय के समक्ष जमकर हंगामा किया. हंगामे की आशंका देखते हुए 100 मीटर की परिधि में निषेधाज्ञा जारी कर दी गयी थी. भारी संख्या में पुलिस मौजूद हो गयी. आयोग के सचिव को प्रतिनिधिमंडल ने पेपर लीक और गड़बड़ी से जुड़े साक्ष्य सौंपे. सचिव ने उन्हें जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया.
हंगामे की आशंका के बीच निषेधाज्ञा जारी
गुरुवार की सुबह ग्यारह बजे से ही झारखंड के विभिन्न जिलों के अभ्यर्थी झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के कार्यालय पहुंचने लगे थे. देखते ही देखते सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थियों की भीड़ जुट गयी. हंगामे की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के कार्यालय की चहारदीवारी से 100 मीटर की परिधि में निषेधाज्ञा जारी कर दी गयी है.
भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद
निषेधाज्ञा जारी होते ही झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के कार्यालय के समक्ष भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिए गए. मौके पर डीएसपी मुख्यालय प्रथम अमर कुमार पांडेय, खेलारी डीएसपी, अंचलाधिकारी नामकुम प्रभात भूषण सिंह, थाना प्रभारी इंस्पेक्टर ब्रह्मदेव प्रसाद सहित खरसीदाग ओपी, दशम फॉल थाना की पुलिस मौजूद थी.
आंदोलन की दी चेतावनी
अभ्यर्थियों ने आयोग के अध्यक्ष एवं राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जमकर हंगामा किया. वे अध्यक्ष से मिलकर पेपर लीक का सबूत देने एवं सीजीएल परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे थे. निषेधाज्ञा के बावजूद अभ्यर्थी बार-बार आयोग के मुख्य गेट पर जुट रहे थे, जिन्हें उपस्थित अधिकारी समझाकर पीछे करने में लगे थे. अभ्यर्थियों ने कहा कि पेपर लीक का उनके पास साक्ष्य है. 36 घंटे के अंदर आयोग ठोस फैसला नहीं लेता है तो सभी न्यायालय का सहारा लेंगे. सभी जिला एवं प्रखंड मुख्यालयों पर आंदोलन करने को बाध्य होंगे.
आयोग के सचिव ने दिया ये आश्वासन
पुलिस ने अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल को सचिव से वार्ता करने की पहल की, जिस पर सभी मीडियाकर्मियों के साथ वार्ता पर वे अड़ गए. काफी समझाने के बाद वो माने. इस दौरान कई बार अभ्यर्थियों एवं पुलिस के बीच धक्का-मुक्की भी हुई. सचिव से मिलकर आए अभ्यर्थियों ने बताया कि आयोग को पेन ड्राइव, सीडी एवं रिपीट किया हुआ प्रश्न पत्र सबूत के तौर पर देकर परीक्षा रद्द करने की मांग की गयी है. सचिव ने दिए गए सबूतों की जांच करने और सोमवार को आयोग की बैठक कर निष्कर्ष निकालने का अश्वासन दिया है. अभ्यर्थियों ने कहा कि सोमवार को छात्रों के हित में फैसला नहीं आने पर दोबारा आयोग के समक्ष आंदोलन करेंगे.
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