Kargil Vijay Diwas: कारगिल विजय दिवस की रजत जयंती के अवसर पर केंद्रीय संचार ब्यूरो, प्रादेशिक कार्यालय रांची की ओर से डोरंडा कॉलेज के सभागार में शुक्रवार को दो दिवसीय चित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि एवं अन्य आमंत्रित अतिथियों की ओर से दीप प्रज्वलित कर की गई. इसके बाद मुख्य अतिथियों को शॉल, मोमेंटो, पौधा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात के 100वें एपिसोड से संबंधित पुस्तक दिया गया.
युवाओं के देनी होगी जिम्मेदारी- कुलपति
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि इस तरह के आयोजन का मकसद युवाओं में देश प्रेम की भावना विकसित करना है. युवा कल के भविष्य हैं जिनके कंधों पर देश की जिम्मेदारी होगी. उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 में भारत आजादी के 100वें साल में होगा और विकसित राष्ट्र बन चुका होगा. युवाओं को देश का इतिहास, संस्कृति और परंपरा को जानने की जरूरत है. उन्होने सभी लोगों से प्रदर्शनी में लगी दुर्लभ तस्वीरों से सीख लेने को भी कहा.
विजय दिवस की रजत जयंती समारोह
वहीं केंद्रीय संचार ब्यूरो एवं पत्र सूचना कार्यालय रांची के अपर महानिदेशक अखिल कुमार मिश्रा ने कहा कि कारगिल विजय दिवस की रजत जयंती समारोह पूरे देश में मनाई जा रही है. यहां लगाई गई प्रदर्शनी जानकारी से परिपूर्ण है. इसमें कारगिल युद्ध के महत्वपूर्ण क्षणों को तस्वीरों के माध्यम से दर्शाया गया है. उन्होंने उपस्थित लोगों से पूरे परिवार के साथ प्रदर्शनी देखने आने की अपील की. वहीं मुख्य वन संरक्षक सिद्धार्थ त्रिपाठी ने कहा कि कारगिल युद्ध की शुरुआत में ही वे प्रशिक्षण पाने देहरादून गए थे. उन्होंने दुर्गम पहाड़ियों पर भारतीय सेना के अदम्य शौर्य और साहस को काफी करीब से भी देखा है. उन्होंने कहा कि देश के लिए कुर्बानी देने जितना ही देश की उन्नति और तरक्की के लिए जीना है. देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वालों की सार्थकता तभी सिद्ध होगी जब हम अपने देश से प्यार करेंगे.
यूआईडीएआई के क्षेत्रीय निदेशक श्री नीरज कुमार ने कहा कि देश की सेवा कहीं भी रहकर की जा सकती है. अपना काम ईमानदारी पूर्वक करके देश की तरक्की में योगदान दें. उन्होंने आधार के माध्यम से डिजिटल सशक्तिकरण को लेकर किए जाने वाले प्रयासों की भी जानकारी दी. डोरंडा महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. राजकुमार शर्मा ने कहा कि आज का दिन कारगिल के शहीदों को श्रद्धांजलि देने एवं उनके परिवारजनों के प्रति सम्मान व्यक्त करने का पुनीत अवसर है. स्वहित और लोकहित से सर्वोपरि राष्ट्रहित होता है. संत जेवियर स्कूल, डोरंडा के प्रधानाचार्य फादर फूलदेव सोरेन ने कहा कि आज का दिन हमारे कर्तव्यों को याद करने का भी है. हम एक दूसरे का सम्मान करें साथ ही हर किसी की मदद करना भी हमारा नैतिक दायित्व होना चाहिए.केंद्रीय संचार ब्यूरो रांची के कार्यालय प्रमुख शाहिद रहमान की ओर से विषय प्रवेश कराया गया. वहीं, मंच संचालन क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी ओंकार नाथ पांडेय ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन प्रो. मिथिलेश कुमार ने दिया.
कारगिल की लड़ाई में शामिल जवान ने साझा की यादें
कार्यक्रम में मेजर एम जयंथ साथ पहुंचे सूबेदार शंकर कुमार ने कारगिल की जंग के बारे में यादें साझा करते हुए कहा कि दुश्मन के आक्रमण के बाद स्थानीय नागरिकों ने जवानों की काफी मदद की. दुर्गम इलाका होने के बावजूद लोग उनके लिए खाना-पानी लेकर आते थे. सूबेदार शंकर कुमार ने सभी युवाओं से देशप्रेम और सेवा भावना रखने की बात कही.
आधार और इंडिया पोस्ट का स्टॉल लगा
प्रदर्शनी स्थल के समीप आधार क्षेत्रीय कार्यालय की ओर से आधार अपडेशन स्टॉल भी लगाया गया है. यहां लोग आधार में पता, नंबर आदि अपडेट करा सकते हैं. वहीं दूसरी ओर इंडिया पोस्ट द्वारा दुर्लभ डाक टिकटों से संबंधित मिनी प्रदर्शनी लगाई गई है. वहीं, गीत एवं नाटक प्रभाग के कलाकारों की ओर से कार्यक्रम में स्वागत गीत की प्रस्तुति देने के साथ-साथ पारंपरिक तौर पर उनका अभिनंदन भी किया गया. आयोजन के समन्वय में केंद्रीय संचार ब्यूरो रांची के शफीक आलम, खुर्शीद आलम, हृषिकेश पात्रा, ओमप्रकाश राय, हरि उरांव, जीएन मिंज, श्रीकांत मोदी, आकाश कुमार, रेखा कुमारी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. यह चित्र प्रदर्शनी 27 जुलाई तक चलेगी. इस मौके पर डोरंडा कॉलेज के सभी शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मचारी भी मौजूद रहे. 27 जुलाई को प्रदर्शनी के समापन के अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में शामिल हुए विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया जाएगा.