शुक्ल पक्ष भादो एकादशी को राजधानी के विभिन्न इलाकों में प्रकृति पर्व करम हर्षोल्लास व श्रद्धाभाव से मनाया गया. पूजा के लिए सभी अखड़ा को पत्तों और फूलों से सजाया गया था. कई जगहों पर आकर्षक विद्युत सज्जा भी नजर आयी.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रांची वीमेंस कॉलेज, साइंस ब्लॉक में पांच बालिका और चार बालक आदिवासी छात्रावास के संयुक्त करम महोत्सव कार्यक्रम में पत्नी कल्पना सोरेन व बेटे के साथ शामिल हुए. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने हमें प्रकृति से प्रेम करना सिखाया है.
कोरोना के बाद उत्पन्न समस्याओं व चुनौतियों को स्वीकार करते हुए हमें जीवन चक्र में बढ़ते जाना है. इस क्रम में हम अपनी परंपरा, संस्कृति को अपने कंधों में लेकर बढ़ने का संकल्प ले रहे हैं. आज के समय में जब संस्कृति, सभ्यता को बचाये रखना भी एक चुनौती होती है, ऐसे में यहां के विद्यार्थियों ने स्वीकार किया है, जो प्रशंसनीय है
शाम को पूजा के लिए करमइत बहनें थाली में खीरा, जलता दीया, चना, सेव, फल-फूल लेकर लेकर अखड़ा पहुंचीं. फल-फूल काे सारु पत्ते से ढंक कर रखा. वहीं, खीरा को हल्दी के पीले रंग में रंगे कपड़े से लपेटा गया. इस पूजा में नवब्याहता भी अपने मायके के अखड़ा में शामिल हुईं. उपवास करनेवाली लड़कियों ने जल अर्पण करते हुए तीन बार परिक्रमा की और अखड़ा में जगह लेकर बैठ गयीं. उपवास रखने वाली अन्य लड़कियां भी बैठ गयीं.
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विवि (डीएसपीएमयू) में मंगलवार को कुलपति डॉ तपन कुमार शांडिल्य की अध्यक्षता में करम महोत्सव का आयोजन किया गया. इस अवसर पर वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. उन्होंने करम पूजा पर संदेश देते हुए कहा कि त्योहार में बड़ी संख्या में लोगों का शामिल होना सामूहिकता का एक संदेश है.