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जमीन घोटाला: बीमार व्यापारी विष्णु अग्रवाल से नहीं हुई पूछताछ, खुद को निर्दोष बताने में नाकाम रहे छवि रंजन

दस्तावेज में जालसाजी कर चेशायर होम रोड की एक एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री के मामले में जारी समन के आलोक में विष्णु अग्रवाल सोमवार सुबह साढ़े 10 बजे रांची स्थित इडी के क्षेत्रीय कार्यालय में हाजिर हुए. ईडी के सक्षम अधिकारी के पास पहुंचने के बाद उन्होंने अपनी बीमारी की जानकारी दी.

रांची: ईडी द्वारा जारी समन के आलोक में व्यापारी विष्णु अग्रवाल सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय के क्षेत्रीय कार्यालय में पूछताछ के लिए हाजिर हुए. हालांकि, बीमार होने की वजह से पूछताछ किये बिना ही उन्हें छोड़ दिया गया. ईडी द्वारा राजेश राय और लखन सिंह से जारी पूछताछ और जांच के दौरान इसके सबूत मिले हैं कि ठेकेदार सह जमीन कारोबारी बिपिन सिंह ने चेशायर होम रोड की जमीन के मामले में अंचल कार्यालय में पैसा पहुंचाया था. उधर, रिमांड के दूसरे दिन हुई पूछताछ दौरान भी छवि रंजन खुद को निर्दोष बताने की कोशिश में लगे है. हालांकि वे इसमें नाकाम रहे.

दस्तावेज में जालसाजी कर चेशायर होम रोड की एक एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री के मामले में जारी समन के आलोक में विष्णु अग्रवाल सोमवार सुबह 10:40 बजे रांची स्थित इडी के क्षेत्रीय कार्यालय में हाजिर हुए. ईडी के सक्षम अधिकारी के पास पहुंचने के बाद उन्होंने अपनी बीमारी की जानकारी दी. साथ ही उठने-बैठने में तकलीफ की शिकायत की. इसके बाद ईडी के अधिकारियों ने उन्हें अपनी बात लिख कर देने को कहा. विष्णु अग्रवाल द्वारा अपनी स्थिति की जानकारी लिखित रूप से देने और ठीक होने पर पूछताछ के लिए हाजिर होने का वादा करने के बाद उन्हें घर जाने दिया गया. इधर, इसी मामले में गिरफ्तारी के बाद रिमांड पर लिये गये निलंबित आइएएस अधिकारी छवि रंजन से दूसरे दिन भी पूछताछ जारी रही. दूसरे दिन इडी के अधिकारियों ने उनसे उनके द्वारा किये गये कार्यों का ब्योरा लिया. साथ ही उनका बयान भी दर्ज किया.

दस्तावेज में जालसाजी कर चेशायर होम रोड की एक एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री के मामले में ईडी ने समन जारी कर गोपाल राय, लखन सिंह और बिपिन सिंह को भी पूछताछ के लिए बुलाया था. समन के आलोक में ये तीनों भी सोमवार को पूछताछ के लिए इडी कार्यालय में हाजिर हुए. मामले की जांच और पूछताछ के दौरान इडी को जानकारी मिली है कि दस्तावेज में जालसाजी कर राजेश राय के दादा को चेशायर होम रोड स्थित एक एकड़ जमीन का फर्जी मालिक बनाया गया था. इसी दस्तावेज के आधार पर लखन सिंह कंफर्म किया था कि उक्त जमीन राजेश राय के दादा की है. राजेश राय ने इम्तियाज और भरत प्रसाद को पावर ऑफ अटॉर्नी दी. इसके बाद इन दोनों ने जमीन पुनीत भार्गव को बेच दी. इसके बाद पुनीत भार्गव ने यह जमीन व्यापारी विष्णु अग्रवाल से बेच दी. विष्णु अग्रवाल से मिले रुपयों में से पुनीत भार्गव ने 1.50 करोड़ रुपये प्रेम प्रकाश को ट्रांसफर कर दिये. पूछताछ के दौरान इस बात की जानकारी मिली कि बड़गाईं अंचल में दस्तावेज में जालसाजी करने में मदद करने के बदले बिपिन सिंह ने अंचल कार्यालय में पैसा पहुंचाया था. बिपिन के घर पर छापा पड़ने से पहले ही वह नोएडा चला गया था, लेकिन ईडी के निर्देश पर वह उसी दिन ईडी के दिल्ली स्थित कार्यालय में हाजिर हुआ था.

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