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झारखंड में जमीन घोटाला मामला : ईडी ऑफिस नहीं गए विष्णु अग्रवाल, बीमार होने का दिया हवाला

जालसाजी कर रांची के चेशायर होम रोड की जमीन खरीद-बिक्री मामले में कारोबारी विष्णु अग्रवाल ईडी ऑफिस नहीं पहुंचे. आज विष्णु अग्रवाल की गिरफ्तारी के कयास लगाये जा रहे थे.

Jharkhand News: जमीन कारोबारी विष्णु अग्रवाल से आज ईडी के अधिकारी पूछताछ करने वाले थे. इसके लिए ईडी ने उन्हें समन भेज कर 17 जुलाई, 2023 को पूछताछ के लिए हाजिर होने का निर्देश दिया था, लेकिन विष्णु अग्रवाल ईडी ऑफिस नहीं पहुंचे. स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उन्होंने ईडी से समय की मांग की है. हालांकि, इससे पहले वह दो बार पूछताछ के लिए हाजिर हो चुके हैं. उन पर फर्जी दस्तावेज के आधार पर चेशायर होम रोड की एक एकड़ जमीन खरीदने के आरोप है.

आज गिरफ्तारी के थे कयास, दो आरोपियों की पहले ही हो चुकी है गिरफ्तारी

फर्जी दस्तावेज के आधार पर रांची के चेशायर होम रोड की एक एकड़ जमीन खरीदने के मामले में आज विष्णु अग्रवाल की गिरफ्तारी के कयास लगाये जा रहे थे. इस मामले में राजेश राय और भरत प्रसाद को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. फर्जी मालिक राजेश राय से इम्तियाज और भरत प्रसाद ने इस जमीन को बेचने के लिए पावर ऑफ अटॉर्नी ली थी. सेना के कब्जेवाली जमीन की खरीद-बिक्री के मामले में इम्तियाज को गिरफ्तार किया जा चुका है. वहीं चेशायर होम रोड स्थित जमीन की खरीद-बिक्री के मामले में पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश की भी महत्वपूर्ण भूमिका है. वह भी अवैध खनन में मनी लाउंड्रिंग के आरोप में जेल में है.

इससे पहले 21 जून को हुई थी पूछताछ

जालसाजी कर रांची के चेशायर होम रोड की जमीन खरीद-बिक्री मामले में कारोबारी विष्णु अग्रवाल से इससे पहले 21 जून, 2023 को ईडी कार्यालय में पूछताछ की गई थी, जहां उनसे दिनभर पूछताछ हुई. इस दौरान ईडी के अधिकारियों ने उनसे जमीन से संबंधित दस्तावेज मांगे थे, लेकिन विष्णु अग्रवाल उनमें से कई दस्तावेज नहीं दे पाये थी. इसके अलावा कई सवालों के जवाब भी विष्णु अग्रवाल नहीं दे पाये थे.

इससे पहले की पूछताछ में क्या-क्या हुआ

21 जून को हुई पूछताछ के दौरान सबसे पहले ईडी ने उनसे और उनके पारिवारिक सदस्यों की संंपत्ति से संबंधित जानकारी ली. पूछताछ के दौरान विष्णु अग्रवाल ने खुद को जमीन खरीद के मामले में बेकसूर बताने की कोशिश की. हालांकि, वह इस सवाल का जवाब नहीं दे सके कि जमीन मालिकों ने सरकार के सर्किल रेट से कम कीमत पर उन्हें जमीन क्यों दी. साथ ही रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन ने गोवा यात्रा के बदले नामकुम स्थित पुगड़ू की जमीन खरीद में उनकी मदद की. इस संबंध में भी पूछताछ की गयी. पूछताछ के बाद शाम को विष्णु अग्रवाल को छोड़ दिया गया.

4 नवंबर को मारे गये थे छापे

बता दें कि ईडी ने चार नवंबर, 2022 को दस्तावेज में जालसाजी कर जमीन की खरीद बिक्री के मामले में विष्णु अग्रवाल सहित अन्य के ठिकानों पर छापा मारा था. छापेमारी के दौरान जब्त किये गये मोबाइल में मिले ब्योरे से इस बात की जानकारी मिली कि विष्णु अग्रवाल ने छवि रंजन को गोवा की सैर करायी थी. गोवा के ताज फोर्ट में छवि रंजन के रहने और खाने की व्यवस्था की गयी थी. इसका पूरा खर्च विष्णु अग्रवाल ने उठाया था. हालांकि, इस बात को छिपाने के उद्देश्य से यात्रा की व्यवस्था एक ट्रेवल एजेंट के माध्यम से की गयी थी. ट्रेवल एजेंट को नकद भुगतान किया गया था. जांच में पाया गया कि इसके बदले छवि रंजन ने नामकुम अंचल के पुगड़ू मौजा में जमीन खरीद के मामले में विष्णु अग्रवाल की मदद की थी. ईडी ने जांच में पाया कि चेशायर होम रोड की एक एकड़ जमीन की खरीद में भी फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल किया गया है. जालसाजी कर जमीन की खरीद-बिक्री के मामले में ईडी द्वारा जारी समन के आलोक में विष्णु अग्रवाल पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय पहुंचे थे.

पुगड़ू में खास महाल भूमि की अवैध तरीके से ब्रिक्री का मामला है पेंडिंग

रांची के नामकुम अंचल स्थित पुगड़ू में खास महाल भूमि की अवैध तरीके से ब्रिक्री के मामले में छवि रंजन का पक्ष जानने के बाद पूरी होगी जांच. फिलहाल यह जांच पेंडिंग है. जांच पेंडिंग रहने का कारण इस मामले के आरोपी रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन का जेल में होना बताया गया है. आयुक्त के सचिव ने विभाग को इसकी जानकारी दी. यह जांच आयुक्त के स्तर से ही चल रही थी.

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