Jharkhand News: आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार अभियान के तहत अबुआ आवास योजना के आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 26 दिसंबर है. बीते सप्ताह तक जिला भर में डेढ़ लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं. प्राप्त आवेदनों को पोर्टल में अपलोड करने की आखिरी तिथि 28 दिसंबर है. विभाग द्वारा तय किये गये कार्यक्रम के मुताबिक आवेदनों का सत्यापन 31 दिसंबर तक करना है. साथ ही लाभुकों के चयन को अंतिम रूप देने के लिए चार जनवरी तक विशेष ग्रामसभा कराने का निर्देश दिया गया है. बताया गया कि ग्रामसभा से पारित सूची का प्रकाशन 28 दिसंबर से आठ जनवरी तक होगा. प्राप्त आपत्ति और त्रुटि का निराकरण पांच से 18 जनवरी तक किया जायेगा. लाभुकों को प्रथम किस्त की राशि 24 से 31 जनवरी के बीच दी जायेगी. इधर आवेदनों की जांच के लिए प्रखंडवार जांच दल का गठन किया जा चुका है. हुएविभाग द्वारा इसके लिए तिथि का निर्धारण कर दिया गया है.
कैसा होगा अबुआ आवास
हेमंत सरकार ने झारखंड के ग्रामीण बेघरों के लिए अबुआ आवास योजना की शुरुआत की है. इसके माध्यम से गरीबों को तीन कमरों का मकान दिया जा रहा है. अबुआ आवास योजना के अंतर्गत तीन कमरों का पक्का मकान, रसोई और शौचालय बनाया जाएगा. इसका क्षेत्रफल लगभग 31 वर्गमीटर होगा. योजना अंतर्गत तीन कमरों सहित स्वच्छ रसोई घर और शौचालय का प्रावधान किया गया है.
अबुआ आवास पर 16320 करोड़ रुपए खर्च करेगी झारखंड सरकार
हेमंत सोरेन ने कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा राज्य के गरीबों को दिए जाने वाले आठ लाख से अधिक आवास की स्वीकृति नहीं मिलने के बाद राज्य संपोषित अबुआ आवास योजना को स्वीकृति प्रदान की गई. योजना के तहत आवास विहीन गरीब लोगों के लिए आठ लाख पक्का आवास के निर्माण का लक्ष्य तय किया गया है. इसके तहत प्रथम चरण वित्तीय वर्ष 2023-24 में दो लाख, वर्ष 2024-25 में तीन लाख 50 हजार एवं वर्ष 2025-26 में दो लाख 50 हजार पक्का आवास का निर्माण किया जाएगा. इस पर 16 हजार 320 करोड़ रुपए की लागत आएगी.
पीएम आवास से बड़ा होगा अबुआ आवास
मालूम हो कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत दो कमरे का मकान मिलता है. इसी दो कमरे में पूरा परिवार रहता है, लेकिन झारखंड सरकार द्वारा लॉन्च की गई अबुआ आवास योजना के तहत मिलने वाला घर पीएम आवास से बड़ा होगा. पीएम आवास की लागत आइएपी जिलों के लिए 1.30 लाख रुपये और नन आइएपी जिलों के लिए 1.20 लाख रुपये है. इतनी ही राशि केंद्र सरकार से मिलती है. इसके अलावा मनरेगा के कन्वर्जेंस से शौचालय निर्माण की भी योजना है.
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