झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र हंगामेदार रहा. सत्र के दौरान हंगामा करने के आरोप में स्पीकर ने 18 विधायकों को सस्पेंड कर दिया. इस दौरान सभी सस्पेंडेड विधायकों ने विधानसभा की चौखट पर हंगामा किया. विधायकों ने सरकार की बालू नीति का विरोध करते हुए धरना-प्रदर्शन किया. विधायकों ने विरोध का अनोखा तरीका निकाला. उन्होंने 1000 रुपए प्रति किलो की दर से बालू की बिक्री की.
बालू और तराजू लेकर विधायक पहुंचे विधानसभा
बीजेपी विधायक तराजू और बालू लेकर विधानसभा पहुंचे थे. उन्होंने सरकार पर बालू की कालाबाजारी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि फ्री में बालू देने की रणनीति हवा-हवाई है. जनता को इसका लाभ कैसे होगा. इसका सरकार के पास कोई ब्लू-प्रिंट नहीं है.
स्वर्णरेखा नदी का बालू बिका सबसे महंगा
बीजेपी विधायक नीरा यादव ने कोयल नदी का बालू 100 रुपये प्रति किलो बेचा. वहीं, विधायक शशिभूषण मेहता ने स्वर्णरेखा नदी का बालू 1000 रुपये प्रति किलो बेचा. उनका कहना था कि बालू लाने के दौरान कई थानों में पैसे देने पड़ते हैं, इसलिए उनका बालू महंगा है. बालू बेचने में नीरा यादव और शशिभूषण मेहता के बीच प्रतिस्पर्धा देखने को मिली. मंत्रियों ने भी इस पर चुटकी ली. कई मंत्री और विधायक उसी रास्ते से गुजर रहे थे, जहां बीजेपी विधायक बालू बेच रहे थे.
हंगामेदार रहा झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र
विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान जमकर हंगामा हुआ. सत्र के दौरान पाकुड़ हिंसा, बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा गरमाया रहा. बीजेपी ने सीएम हेमंत सोरेन से सदन में रोजगार और बेरोजगारी भत्ता पर बयान देने की मांग की. सीएम के बयान नहीं देने पर बीजेपी विधायकों ने रात भर विधानसभा में धरना दिया. इसके बाद मार्शलों ने बीजेपी विधायकों को उठाकर बाहर कर दिया. सदन की लाइन भी काट दी गई. विधायक अंधेरे में प्रदर्शन करते रहे. गुरुवार को बीजेपी के 18 विधायकों को सस्पेंड कर दिया. इसके विरोध में अलग-अलग तरीके से बीजेपी ने प्रदर्शन किया.
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