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Ranchi News : जसिंता केरकेट्टा को मधुकरराव मड़ावी साहित्यभूषण पुरस्कार

नवोदित आदिवासी साहित्य परिषद ने दिया पुरस्कार

रांची. जसिंता केरकेट्टा को महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में शनिवार को मधुकरराव मड़ावी साहित्यभूषण पुरस्कार दिया गया. यह पुरस्कार नवोदित आदिवासी साहित्य परिषद द्वारा दिया गया. मौके पर जसिंता केरकेट्टा ने कहा कि आदिवासी समाज को स्वशासन, अस्तित्व और प्रकृति को बचाने के लिए बौद्धिक रूप से सशक्त होना होगा. इसके लिए पढ़ने-लिखने, रचने, संगठित होने, अपनी कमियां और शक्तियों को पहचानने की जरूरत है. सम्मान समारोह सह साहित्यिक सम्मेलन में वरिष्ठ साहित्यकार वसंत कनाके, प्रब्रह्मनंद, डॉ अरविंद कुलमेथे, बालकृष्ण गेडाम, राजू मड़ावी, शंकर मड़ावी, कविता कनाके, गंगा गवली, रामदास गिलंदे, प्रो नितिन टेकाम, प्रो नीलकांत कुलसंगे, कुसुम अलाम सहित अन्य उपस्थित थे.

समाज सुधारक और चिंतक थे मधुकरराव मड़ावी

यवतमाल जिले के मधुकरराव मड़ावी समाज सुधारक और चिंतक थे. वहीं व्यंकटेश आत्राम गोंडी साहित्य को सशक्त करने वाले व्यक्ति थे. दोनों ने महाराष्ट्र में आदिवासियों के उत्थान के लिए काम किया. जिनके नाम पर हर साल दो पुरस्कार साहित्य के माध्यम से लोगों में जागरूकता लाने वाले लोगों को दिया जाता है. महाराष्ट्र में आदिवासियों ने आदिवासी समुदाय के लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए नवोदित आदिवासी साहित्य परिषद का निर्माण किया है. इसके ही बैनर तले हर साल एक साहित्यिक सम्मेलन, कविता पाठ और पुरस्कार समारोह आयोजित किया जाता है. इस दौरान आदिवासियों द्वारा लिखी किताबों का विमोचन भी होता है. इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के अलग-अलग जिलों से आदिवासी जुटते हैं. महाराष्ट्र में आदिवासी महात्मा फुले, बाबा साहेब आंबेडकर के विचारों के साथ धरती आबा वीर बिरसा मुंडा को अपनी प्रेरणा मानते हैं.

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