रांची, राजकुमार लाल : पौष मास 27 दिसंबर से शुरू हो रहा है. इस दिन शाम 5.45 बजे तक प्रतिपदा है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह महीना 10 वां महीना है. इस मास के कृष्ण पक्ष में द्वितीया तिथि की वृद्धि के कारण यह पक्ष पंद्रह दिनों की बजाय 16 दिनों का है. इस मास में एक बार भोजन करने का महत्व है. इसके अलावा दान आदि का विशेष महत्व है.
15 को खरमास की समाप्ति, बजेगी शहनाई
पंडित कौशल कुमार मिश्र ने कहा कि इस माह में भगवान सूर्यदेव और पितरों की पूजा करने का विधान है. 11 जनवरी को स्नान दान की अमावस्या है. वहीं 12 जनवरी से शुक्ल पक्ष शुरू हो जायेगा. इस पक्ष में षष्ठी तिथि का क्षय होने के कारण यह पक्ष पंद्रह की बजाय 14 दिनों का है. 14 जनवरी को मकर संक्रांति की बजाय 15 जनवरी को मकर संक्रांति है. इस दिन भगवान सूर्य देव दिन के 9.13 बजे मकर राशि में प्रवेश करेंगे, इसलिए इसी दिन मकर संक्रांति का पुण्यकाल होगा और मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जायेगा. इसी दिन खरमास की समाप्ति हो जायेगी, जिसके बाद से शहनाई बजने लगेगी. वहीं 25 जनवरी को स्नान दान व व्रत की पू्र्णिमा है. इस दिन रात 10.19 बजे तक पूर्णिमा है.यह पूर्णिमा तिथि 24 की रात 9.13 बजे से शुरू हो जायेगी. 25 को उदयाकाल में पूर्णिमा मिलने के कारण इसी दिन इसका मान्य है.
इस मास में पड़नेवाले पर्व की सूची
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28 दिसंबर : गुरु पुष्य योग – इसमें खरीदारी करना शुभ माना जाता है. इससे मां लक्ष्मी घर में वास करती हैं.
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30 दिसंबर : संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत – इस दिन भगवान गणेश की पूजा का विधान है.
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सात जनवरी : सफला एकादशी – सफला एकादशी के व्रत के प्रभाव से साधक को पाप कर्मों से मुक्ति मिलती है.
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नौ जनवरी : भौम प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि – यह व्रत भगवान शिव जी को प्रिय है.उन्हें जलाभिषेक करने और उनकी पूजा-अर्चना करने से वैवाहिक सुख, धन, संपत्ति की प्राप्ति के अलावा ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है.
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11 जनवरी : पौष अमावस्या – इस माह की अमावस्या को छोटा पितृपक्ष भी कहा जाता है. इस दिन पितरों के तर्पण का विशेष महत्व है.
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14 जनवरी : वैनायकी गणेश चतुर्थी व्रत.
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15 जनवरी : मकर संक्रांति, पोंगल व खिचड़ी पर्व.
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17 जनवरी : गुरु गोबिंद सिंह जयंती – इस दिन सिखों के आखिरी और दसवें गुरु गोविंद सिंह का जन्म हुआ था. इन्होंने ही खालसा पंथ की स्थापना की थी.
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21 जनवरी : पुत्रदा एकादशी – इस एकादशी का व्रत करने से संतान प्राप्त होती है और संतान की सुख समृद्धि में वृद्धि होती है.
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23 जनवरी : प्रदोष व्रत
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25 जनवरी : पौष पूर्णिमा- लक्ष्मी-नारायण की पूजा का महत्व है.
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