झारखंड विधानसभा में बजट सत्र के दौरान मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर अपना आपा खो बैठे. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के पूर्व मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी को चुनौती तक डे डाली. मंत्री ने यहां तक कह दिया वह इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं. वाकया बृहस्पतिवार को झारखंड विधानसभा में हुआ, जब तारांकित प्रश्न के दौरान रामचंद्र चंद्रवंशी ने मंत्री मिथिलेश ठाकुर के भाई पर टेंडर मैनेज करने का आरोप लगाया.
झारखंड के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी के इस आरोप से झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता और पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर बेहद आहत हुए. उन्होंने सदन में आपा खो दिया और पूर्व मंत्री को अपने आरोपों को साबित करने की चुनौती दे डाली. श्री ठाकुर ने कहा कि रामचंद्र चंद्रवंशी जैसे वरिष्ठ नेता को ऐसे अनर्गल आरोप लगाना शोभा नहीं देता.
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श्री ठाकुर ने कहा कि अगर चंद्रवंशी अपने आरोपों को साबित कर देंगे, तो मैं (मिथिलेश ठाकुर) इस्तीफा दे दूंगा. अगर वे (चंद्रवंशी) अपने आरोपों को साबित नहीं कर पाते हैं, तो वे इस्तीफा देने को तैयार हो जायें. इस पर विपक्षी दलों के विधायक एकजुट हो गये और अपनी-अपनी सीट पर खड़े होकर हंगामा शुरू कर दिया. इस पर झारखंड विधानसभा के स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने उन्हें चुनौती स्वीकार करने के लिए कहा.
झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष श्री महतो ने कहा कि मंत्री ने आपको चुनौती दी है. उस चुनौती को स्वीकार कीजिए. मैंने सदस्य को अपनी बात रखने का मौका दिया. उन्होंने एक मंत्री पर गंभीर आरोप लगाये. जिस मंत्री पर आपने आरोप लगाये, उस मंत्री ने आपको चुनौती दी है. आप उस चुनौती को स्वीकार कीजीए. सदन के काम को बाधित मत कीजिए.
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दरअसल, रामचंद्र चंद्रवंशी ने आरोप लगाया था कि मिथिलेश ठाकुर के भाई टेंडर मैनेज करने में लिप्त रहे हैं. इसका मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने विरोध किया. उन्होंने कहा कि चंद्रवंशी जी को अपना आरोप साबित करना पड़ेगा कि टेंडर के समय उनका भाई वहां मौजूद था. मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि अगर चंद्रवंशी अपना आरोप साबित कर देते हैं, तो वह इस्तीफा दे देंगे.