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झारखंड : बीरेंद्र राम के परिवार का मासिक घरेलू खर्च करीब 25 लाख रुपये, ईडी ने चार्ज शीट में किया जिक्र

ईडी ने बीरेंद्र राम और उसके पारिवारिक सदस्यों के खिलाफ आरोप पत्र दायर कर दिया है. इस पत्र में काली कमाई से ऐश-ओ-आराम का जिक्र किया गया. साथ ही बीरेंद्र राम के परिवार का मासिक घरेलू खर्च करीब 25 लाख रुपये बताया गया. ईडी ने बीरेंद्र राम, उसकी पत्नी, पिता और चचेरे भाई आलोक रंजन को आरोपी बनाया गया है.

Jharkhand News: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ग्रामीण विकास विभाग के सस्पेंड चीफ इंजीनियर बीरेंद्र राम और उसके पारिवारिक सदस्यों के खिलाफ आरोप पत्र दायर कर दिया है. ईडी ने मनी लाउंड्रिंग के आरोप में बीरेंद्र राम की पत्नी राजकुमारी, पिता गेंदा राम और चचेरे भाई आलोक रंजन को आरोपी बनाया है. आरोप पत्र में बीरेंद्र राम की ऐश-ओ-आराम की जिंदगी को दर्शाने के लिए उसके दो महीने के घरेलू खर्चे का उल्लेख किया गया है. इस मद में उसने महज दो महीने में 49.13 लाख रुपये खर्च किये हैं. आरोप पत्र में टेंडर के कमीशन के दूसरे हिस्सेदारों के सिलसिले में अभी जांच जारी रहने का उल्लेख किया गया है. हालांकि, इन हिस्सेदारों के नामों का उल्लेख नहीं किया गया है. आरोप पत्र में अभियुक्तों के खिलाफ पीएमएलए के प्रावधानों के तहत कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है.

मनी लाउंड्रिंग मामले में कसा शिकंजा

बीरेंद्र राम पर अपने पद का दुरुपयोग कर टेंडर आवंटन में कमीशन लेने और उसकी लाउंड्रिंग करने का आरोप है. पत्नी राजकुमारी व पिता गेंदा राम पर लाउंड्रिंग में मदद करने और पैसों से अपने-अपने नाम संपत्ति अर्जित करने का आरोप है. साथ लाउंड्री कर खरीदी गयी 39.28 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियों का ब्योरा और उसे अस्थायी रूप से जब्त करने का उल्लेख किया गया है. आलोक रंजन पर बीरेंद्र राम द्वारा कमीशन के रूप में वसूली गयी रकम को रखने, ठेकेदारों से कमीशन वसूलने और उसे दिल्ली पहुंचाने का आरोप है. इडी द्वारा दायर किये गये आरोप पत्र में कहा गया है कि बीरेंद्र राम टेंडर प्रक्रिया के दौरान कुल मूल्य का 3.2 प्रतिशत बतौर कमीशन लेता था. छापामारी के दिन ही उसके घर मिली नकद राशि उसके एक साल के वेतन भत्ते से कई गुना ज्यादा थी.

हवाला के जरिये दिल्ली में सीए को भेजे पैसे

बीरेंद्र राम पर कमीशन की रकम को जायज आमदनी करार देने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाने का भी आरोप है. इस सिलसिले में अपनाये गये हथकंडों का उल्लेख करते हुए बीरेंद्र राम द्वारा बेटों के नाम पर फर्जी व्यापार दिखाने और आयकर रिटर्न दाखिल का उल्लेख किया गया है. इसके अलावा कमीशन की रकम जायज करार देने के लिए दिल्ली के सीए मुकेश मित्तल की मदद लेने का आरोप है. रिपोर्ट में कहा गया है कि बीरेंद्र राम खुद भी कमीशन के रूप में वसूली गयी रकम में से 20-25 लाख रुपये लेकर कई बार दिल्ली गया और सीए मुकेश मित्तल को दिये. इन यात्राओं के दौरान आलोक रंजन भी साथ रहता था. इसके अलावा बीरेंद्र राम ने कमीशन का पैसा जमशेदपुर से दिल्ली ले जाने के लिए हवाला का सहारा लिया. इसके लिए सीए मुकेश मित्तल की मदद से हवाला कारोबारी रवि बधानी से संपर्क किया. बधानी ने ‘आरके’ नाम के दूसरे हवाला ऑपरेटर को जमशेदपुर से दिल्ली पैसा पहुंचाने का काम सौंप दिया. आरके द्वारा पहुंचाये गये पांच करोड़ रुपये को बधानी ने चांदनी चौक पर रिसीव किया. वहां से उसने इसे सीए के घर पहुंचाया. हवाला के माध्यम से पांच करोड़ की रकम आरके ने 8-10 बार में दिल्ली पहुंचायी. बधानी ने अपनी सेवा के लिए कमीशन के तौर पर 3.5 लाख रुपये लिये. इसमें से 2.5 लाख रुपये आरके को दिये.

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काली कमाई को बैंक खातों में डालने के लिए इंट्री ऑपरेटर की मदद ली

बीरेंद्र राम की काली कमाई को जायज करार देने और अपने व पारिवारिक सदस्यों के बैंक खातों में इंट्री दिलाने के लिए इंट्री ऑपरेटर की मदद ली. राम प्रकाश भाटिया नामक इंट्री ऑपरेटर ने इस मामले में मदद की. इसके बाद फर्जी पैन नंबरों व अन्य दस्तावेज के सहारे फर्जी कंपनी बना कर बीरेंद्र राम, राजकुमारी, व अन्य के खातों में इंट्री दिलायी गयी. मेसर्स आरके इन्वेस्टमेंट और मेसर्स आरपी इन्वेस्टमेंट के सहारे बीरेंद्र और राजकुमारी के ज्वाइंट अकाउंट में 9.31 करोड़ रुपये जमा कराये गये. बीरेंद्र राम ने इस पैसे का इस्तेमाल अपने बेटे आर्यन अंकुश की स्कॉटलैंड में पढ़ने के खर्च और महंगी गाड़ियां खरीदने में किया गया. रीना पाल के नाम पर आरपी इन्वेस्टमेंट और राकेश कुमार केडिया के नाम पर आरके इन्वेस्टमेंट नामक कंपनी बनायी गयी थी. इसके अलावा मनी लाउंड्रिंग के लिए श्री खाटू श्याम ट्रेडर्स, अनिल गोविंद राम ट्रेडर्स और ओम ट्रेडर्स नामक प्रतिष्ठानों का इस्तेमाल भी लाउंड्रिंग के लिए किया गया.

घर से मिले 1.51 करोड़ के जेवर, सरकार को 250 ग्राम ही बताये थे

रिपोर्ट में बीरेंद्र राम के घर तलाशी के दौरान उसके मोबाइल, डायरी के अलावा हाथ से लिखी पर्चियों का उल्लेख किया गया है. इस प्रकरण में ‘जमा किया गया’ शीर्षक पर्ची का उल्लेख करते हुए यह कहा गया है कि पूछताछ के दौरान बीरेंद्र राम ने इसे अपने जमशेदपुर स्थित सरकारी आवास का दैनिक घरेलू खर्च का हिसाब बताया. उसने दो महीने में इस मद में 49.13 लाख रुपये खर्च किये थे. इसी से उसके ऐश-ओ-आराम की जिंदगी को समझा जा सकता है. हालांकि, बीरेंद्र राम ने राज्य सरकार को दिये गये ब्योरे में अपनी संपत्ति छिपायी. उसके घर से 1.51 करोड़ रुपये के जेवर मिले, लेकिन बीरेंद्र राम ने सरकार को अपने पास सिर्फ 250 ग्राम जेवर होने की जानकारी दी है. इसके अलावा सिर्फ एक शेवरलेट कार होने की जानकारी दी है.

बीरेंद्र राम के ऐश-ओ-आराम की बानगी

– दो महीने का घरेलू खर्च 49.13 लाख रुपये

– 19.45 लाख का फिक्स डिपॉजिट

– 1.51 करोड़ रुपये के जेवरात

– 29.90 लाख रुपये टोयोटा फॉर्चुनर खरीदने पर खर्च किया

– 44.26 लाख रुपये ऑडी 35 टीडीआइ खरीदने पर खर्च किया

– 53.66 लाख रुपये ऑडी खरीदने पर खर्च किया

– 90.85 लाख रुपये पढ़ाई खर्च के रूप में विदेश भेजा

– 23.50 लाख रुपये विभिन्न प्रकार का बीमा खरीदने पर खर्च किया

– हवाई और ट्रेन की यात्रा पर 14.09 लाख रुपये खर्च किये.

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