रांची. रिम्स के पेइंग वार्ड (100 कमरे) की बिल्डिंग के अधिकतर कमरों की मरम्मत की जरूरत पड़ गयी है. वह भी तब, जब बिल्डिंग के कई कमरों का हैंडओवर के बाद ताला तक नहीं खुला. रिम्स कर्मियों का कहना है कि कमरों में रखे गये सामान पड़े-पड़े खराब हो रहे हैं. कमरों में रखे टीवी, फ्रीज, गीजर, बेड और सोफा पर धूल की परत जम गयी है. डिश कनेक्शन भी बंद करने पड़े है, क्योंकि अनावश्यक रूप से इस पर खर्च करना पड़ रहा था. जब इस पेइंग वार्ड बिल्डिंग को पूरी तरह संचालित करने का निर्णय हुआ, तब अधिकांश कमरों में बिजली और पानी की दिक्कत भी सामने आयी. ऐसे में अब कमरों को दुरुस्त करने का फैसला लिया गया है, जिसमें अक्टूबर का समय लग सकता है.
2018 में तैयार हुई थी बिल्डिंग
पेइंग वार्ड की बिल्डिंग को वर्ष 2018 में तैयार की गयी थी. इसमें 16.23 करोड़ से अधिक की रकम खर्च हुई थी. इस बिल्डिंग को निजी अस्तपाल के अनुरूप संचालित करना था, लेकिन मैनपावर और सुविधाओं की कमी के कारण छह साल बाद भी यह बिल्डिंग संचालित नहीं हो पायी. प्रथम तल्ला पर उदघाटन के बाद कुछ वीआइपी मरीज और कैदी का इलाज किया गया. प्रति कमरा 1,000 रुपये की दर निर्धारित की गयी, जिससे रिम्स को कुछ रुपयों की कमाई हो पायी है.
24 सिस्टर और आधा दर्जन डॉक्टर की जरूरत
रिम्स पेइंग वार्ड को पूरी तरह संचालित करने के लिए तीन शिफ्ट में 24 सिस्टर और करीब आधा दर्जन सीएमओ पद के डॉक्टरों की तैनाती की जरूरत है. इसके अलावा कुछ पारा मेडिकल स्टॉफ और फोर्थ ग्रेड कर्मचारी की आवश्यकता होगी. इस सभी बिंदुओं पर प्रबंधन विचार कर रहा है. संपदा विभाग को आवश्यक निर्देश भी दिये गये है.
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