देवघर एयरपोर्ट से शाम में जबरन चार्टर्ड प्लेन उड़ाने के मामले में आरोपी सांसद डॉ निशिकांत दुबे, सांसद मनोज तिवारी सहित नाै आरोपियों को झारखंड हाइकोर्ट से बड़ी राहत मिल गयी है. हाइकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने क्रिमिनल रिट याचिका पर सुनवाई पूरी होने के बाद मामले को लेकर देवघर के कुंडा थाने में दर्ज प्राथमिकी को निरस्त कर दिया.
प्राथमिकी के निरस्त हो जाने से सांसद डॉ निशिकांत दुबे, उनके दो पुत्र, सांसद मनोज तिवारी, एयरपोर्ट निदेशक सहित नौ आरोपियों को राहत मिल गयी. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव व अधिवक्ता पार्थ जालान ने पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि उस दिन सूर्यास्त का समय 6:03 बजे था.
नियम के अनुसार, फ्लाइट उसके आधा घंटा बाद तक उड़ सकती थी. चार्टर्ड प्लेन 6:17 बजे उड़ान भरी थी. 6:33 मिनट तक प्लेन को उड़ाया जा सकता था. इस उड़ान में किसी प्रकार के नियम की अनदेखी नहीं हुई थी. गलत मंशा व साजिश के तहत प्रार्थियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी.
उन्होंने कुंडा थाना में दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने का आग्रह किया. राज्य सरकार की ओर से प्रार्थियों की दलील का विरोध किया गया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी डॉ निशिकांत दुबे व अन्य की ओर से क्रिमिनल रिट याचिका दायर की गयी थी. उन्होंने प्राथमिकी को चुनाैती दी थी.
देवघर एयरपोर्ट सुरक्षा में चूक तथा बिना नाइट लैंडिंग या टेक ऑफ की सुविधा के शाम में जबरन चार्टर्ड प्लेन उड़ाने के आरोप में गोड्डा के सांसद डॉ निशिकांत दुबे, उनके दो पुत्रों, सांसद मनोज तिवारी सहित नाै लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. यह प्राथमिकी देवघर के कुंडा थाना में कांड संख्या-169/ 2022 के तहत दर्ज की गयी. आरोप लगाया गया कि इन्होंने एयरपोर्ट के एटीसी में जबरन प्रवेश किया और क्लियरेंस लेने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया.