रांची. डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी के वनस्पति विज्ञान विभाग में बुधवार को व्याख्यान का आयोजन हुआ. अतिथि वक्ता गुरु जांबेश्वर यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नॉलॉजी, हिसार के प्रो डॉ राजेश ठाकुर उपस्थित हुए. उन्होंने बताया कि समय के साथ नैनो टेक्निक्स लगातार विकसित हो रही है. इससे बायोटेक्नोलॉजी को मजबूती मिली है. वर्तमान में नैनो टेक्निक्स डीएनए के इंटेरोगेशन यानी उनकी क्षमता और गति की रिडिंग में मददगार है. साथ ही शरीर में औषधि वितरण प्रणालि के लिए नये और कारगर तरीके जैसे लक्षित क्रमादेशित अनुक्रम, ऊतक लक्ष्यीकरण, सिलिका नैनोकण, सूक्ष्म बुलबुलों की मदद से मस्तिष्क में औषधि पहुंचाने का काम संभव हो रहा है. अब क्वांटम बिंदुओं का प्रयोग नैनो पार्टिकल के फोटोग्राफी में किया जा रहा है. वहीं, निदानिकी में सुक्ष्म द्रव्य प्रयोगशाला की मदद से छोटे से चिप में लाये जा रहे हैं. नैनो टेक्नोलॉजी के विकसित होने से मॉलिक्युलर इमेजिंग का उपयोग कर कैंसर के प्रारंभिक चरण का पता लगाया जा रहा है. इससे मरीज के उपचार में मदद मिल रही है. व्याख्यान सत्र के दौरान प्रो डॉ हनुमान प्रसाद शर्मा, डॉ ईश्वरी प्रसाद गुप्ता, डॉ शालिनी लाल, डॉ गीतांजलि सिंह समेत वनस्पति विज्ञान एवं सुक्ष्मजीव विज्ञान विभाग के अन्य सभी शिक्षक मौजूद थे.
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