मां छिन्नमस्तिके मंदिर
रजरप्पा स्थित मां छिन्नमस्तिके मंदिर में नववर्ष पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ती है. एक जनवरी को यहां विभिन्न राज्यों के लोग पूजा करने पहुंचते हैं. साथ ही रजरप्पा की मनोरम वादियों में अपने परिवार के साथ पिकनिक मनाते हैं. वहीं, भैरवी-दामोदर के संगम स्थल में लोग नौका विहार का भी लुत्फ उठाते हैं. रांची से रजरप्पा मंदिर की दूरी लगभग 70 किमी और रामगढ़ के सुभाष चौक से मंदिर की दूरी लगभग 25 किमी है. रजरप्पा मंदिर के समीप का रेलवे स्टेशन गोला और बड़कीपोना है
संकट मोचन हनुमान मंदिर
राजधानी के मेन रोड स्थित संकट मोचन हनुमान मंदिर भी नववर्ष पर पूजा करने के लिए काफी संख्या में लोग पहुंचते हैं. इसको लेकर मंदिर में विशेष व्यवस्था की गयी है. भक्तों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जायेगा.
तपोवन मंदिर, निवारणपुर
निवारणपुर स्थित तपोवन मंदिर में नये साल पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ती है. इस दिन ठाकुरजी विशेष पूजा और आरती की जायेगी. विशेष आरती सुबह साढ़े छह बजे और शाम में साढ़े सात बजे होगी. वहीं, फूलों से भगवान का शृंगार किया जायेगा. महंत ओम प्रकाश शरण ने बताया कि हर साल की तरह इस बार भी पूजा की जायेगी.
साईं मंदिर, लापुंग
लापुंग प्रखंड के सरसा स्थित साईं बाबा के मंदिर में नववर्ष पर काफी संख्या में श्रद्धालु पूजा करने पहुंचते हैं. पूजा के बाद लोग परिसर व जंगल में पिकनिक मनाते हैं. मंदिर के पुजारी ने बताया कि एक जनवरी को सुबह पांच बजे काकड़ आरती, नौ बजे कलश यात्रा, 10 बजे बाबा का स्नान, 12 बजे मध्याह्न आरती व पूजा के बाद प्रसाद व भोग का वितरण होगा. शाम छह बजे धूप आरती और रात 10 बजे सेज आरती होगी. दिन भर गीत संगीत व भजन कार्यक्रम होगा. आयोजन को सफल बनाने में शिरडी सांईं ग्राम विकास समिति के लोग जुटे हैं.
काली मंदिर, मेन रोड
रांची के मेन रोड स्थित काली मंदिर में हर साल भक्तों की भीड़ उमड़ती है. भक्त सुबह से ही मां के दर्शन व पूजन के लिए कतार में खड़े होकर घंटों अपनी बारी का इंतजार करते हैं. सड़कों पर भक्तों की लंबी कतार लग जाती है. रांची सहित आसपास के क्षेत्रों से भी भक्त यहां पूजा करने आते हैं.
मां भद्रकाली मंदिर, इटखोरी
इटखोरी तीन धर्मों (सनातन, जैन व बौद्ध) का संगम स्थल हैं. यहां के मां भद्रकाली मंदिर में नववर्ष पर पूजा करने दूर-दूर से लोग आते हैं. यह मंदिर चतरा जिला मुख्यालय से 36 किमी दूर है. कोडरमा रेलवे स्टेशन से इसकी दूरी 60 किमी है. वहीं, हजारीबाग से 50 किमी और रांची से 150 किमी दूर है. सभी जगहों से सड़क मार्ग से इटखोरी पहुंचा जा सकता है. नये साल पर महाराष्ट्र, दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, बिहार से सैकड़ों जैन धर्म के लोग आते हैं. बौद्ध धर्म से जुड़े रहने के कारण तिब्बत, जापान, थाईलैंड आदि देशों के बुद्धिस्ट यहां आते हैं.
पहाड़ी मंदिर, रांची
रांची के पहाड़ी मंदिर में नववर्ष को लेकर विशेष तैयारी की जा रही है. मंदिर को सजाया-संवारा जा रहा है. वहीं, श्रद्धालुओं को बाबा का जलाभिषेक करने में दिक्कत न हो, इसके लिए अरघा लगाया जायेगा. इस दिन मुख्य मंदिर के अलावा अन्य मंदिरों में भी पुजारियों की व्यवस्था रहेगी. ताकि, भक्तों को परेशानी न हो. इस दिन मुख्य प्रवेश द्वार के बगल से भक्तों को ऊपर जाना होगा और मुख्य द्वार से नीचे उतरना होगा. जगह जगह बैरिकेडिंग करने के साथ दंडाधिकारी, ट्रैफिक पुलिस आदि की प्रतिनियुक्ति की जायेगी. वहीं, मंदिर में भक्तों की सुरक्षा के लिए वॉलेंटियर की व्यवस्था रहेगी.
जगन्नाथ मंदिर, धुर्वा
जगन्नाथपुर मंदिर धुर्वा में नये साल पर भक्तों की भीड़ को देखते हुए वॉलेंटियर की व्यवस्था की जायेगी. मंदिर के पुजारी ने बताया कि सामान्य दिनों की तरह ही पूजा की जायेगी. भीड़ ज्यादा रहने पर वॉलेंटियर की मदद ली जायेगी. नव वर्ष पर यहां हर साल सैंकड़ों श्रद्धालु भगवान के दर्शन के साथ पहाड़ पर पिकनिक मनाने पहुंचते हैं. कई लोग घर से खाना बनाकर लाते हैं, तो कई लोग दैनिक भोग ग्रहण करते हैं.
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