रांची: आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आइएसआइएस) के झारखंड मॉड्यूल से जुड़े फैजान अंसारी उर्फ फैज के खिलाफ नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) ने सोमवार को रांची के विशेष कोर्ट में चार्जशीट दायर की है. इसमें गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराएं लगायी गयी हैं. 20 जुलाई 2023 को फैज को लोहरदगा से, जबकि उसके सहयोगी उमर बहादुर उर्फ राहुल सेन को मध्य प्रदेश के रतलाम से सितंबर में पकड़ा गया था.
एनआइए की जांच में पता चला है कि फैज आइएसआइएस द्वारा अपनायी गयी हिंसक उग्रवाद की विचारधारा के प्रचार-प्रसार में सक्रिय रूप से शामिल था. वह पूरे भारत में अपनी गतिविधियों को बढ़ाने का प्रयास कर रहा था. आरोपी ने आइएसआइएस के स्वयंभू खलीफा (नेता) के प्रति निष्ठा की शपथ ली थी. फैज संगठन और उसके उद्देश्यों में व्यक्तियों की भर्ती के माध्यम से आतंकवादी हिंसा की तैयारी के कार्यों को अंजाम देने में लगा हुआ था.
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जांच में यह भी पाया गया कि उसने प्रभावशाली युवाओं को प्रभावित करने और भर्ती करने के उद्देश्य से आइएसआइएस पत्रिकाओं ‘वॉयस ऑफ हिंद’ और ‘वॉयस ऑफ खुरासान’ सहित आतंकवादी प्रचार सामग्री के प्रसार के लिए टेलीग्राम और इंस्टाग्राम प्लेटफार्मों पर कई साइबर समूह बनाये और इसे संचालित किया.
एनआइए के अनुसार, फैज व उमर आइएसआइएस के सदस्य हैं. दोनों ने भय और आतंक पैदा करने और भारत की सुरक्षा के साथ-साथ इसके धर्मनिरपेक्ष लोकाचार, संस्कृति और शासन की लोकतांत्रिक प्रणाली को खतरे में डालने के इरादे से संगठन की गैरकानूनी गतिविधियों को आगे बढ़ाने की साजिश रची थी.
रची गयी साजिश के संबंध में गृह मंत्रालय द्वारा मिली जानकारी के बाद एनआइए ने फैजान अंसारी और अन्य के खिलाफ 19 जुलाई 2023 को प्राथमिकी दर्ज की थी. इस मामले में अब तक की जांच में अंतरराष्ट्रीय संबंधों और विदेश स्थित आइएसआइएस संचालकों की संलिप्तता वाली एक बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है.