झारखंड के गैरसरकारी सामान्य सहायता प्राप्त (अल्पसंख्यक सहित) प्रारंभिक विद्यालय और गैरसरकारी सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों को पुरानी पेंशन दी जायेगी. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार किया है. विभाग के सचिव के रवि कुमार ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों और जिला शिक्षा अधीक्षकों को पत्र लिख कर इस संबंध में जानकारी मांगी है.
जिलों को भेजे गये पत्र में विद्यालय में एक दिसंबर 2004 के बाद नियुक्त एवं कार्यरत/सेवानिवृत्त कर्मियों की संख्या पूछी गयी है. जिलों को फॉर्मेट भेजा गया है, जिसमें विद्यालय में कार्यरत शिक्षक/कर्मी के स्वीकृत पद, वर्तमान में कार्यरत शिक्षक/कर्मी और सेवानिवृत्त कर्मियों की संख्या की जानकारी उपलब्ध कराने को कहा गया है. इसके अलावा पुरानी पेंशन योजना लागू करने से होनेवाले खर्च की भी जानकारी मांगी गयी है.
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यह सारी जानकारियां तीन दिनों के भीतर उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं. गौरतलब है कि राज्य में कुल 836 गैर सरकारी सामान्य सहायता प्राप्त (अल्पसंख्यक सहित) प्रारंभिक विद्यालय और 134 गैर सरकारी सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक माध्यमिक विद्यालय हैं. राज्य के अल्पसंख्यक माध्यमिक व प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के छह हजार से अधिक पद स्वीकृत हैं. प्राथमिक विद्यालयों में 4414 और माध्यमिक विद्यालयों में 1719 पद स्वीकृत हैं.
इनमें से लगभग 5000 शिक्षक वर्तमान में कार्यरत हैं. राज्य में सबसे अधिक अल्पसंख्यक विद्यालय (220 प्राथमिक व 18 माध्यमिक) गुमला में हैं. सिमडेगा में 210 प्राथमिक व 17 माध्यमिक विद्यालय हैं. सरायकेला-खरसावां और कोडरमा में एक भी विद्यालय नहीं है.