रांची : मनी लाउंड्रिंग के आरोप में पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप के सहयोगी निवेश कुमार को सोमवार को कोर्ट में पेश किया गया. इसके बाद कोर्ट के माध्यम से इडी ने निवेश को मेमो आफ अरेस्टिंग दिया. इसके बाद उसे न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा भेज दिया गया. अब निवेश को रिमांड पर लेकर इडी की टीम पूछताछ करेगी. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने पीएलएफआई के खिलाफ झारखंड सहित चार राज्यों में 15 दिसंबर को छापेमारी की थी. इस दौरान एनआइए ने दो आरोपियों निवेश कुमार और सोनू पंडित उर्फ रमण को गिरफ्तार किया था. एनआइए ने पीएलएफआई से जुड़े झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश और नयी दिल्ली के कुल 23 स्थानों पर छापामारी की थी.
इनमें झारखंड के गुमला, रांची, खूंटी, सिमडेगा, पलामू और पश्चिमी सिंहभूम जिला शामिल थे. एनआइए ने जिन आरोपियों और संदिग्धों के खिलाफ कार्रवाई की, वे सभी झारखंड में पीएलएफआइ के कैडर और समर्थक थे. वे हिंसक वारदातों और उग्रवादी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश में शामिल थे. छापेमारी के दौरान दो पिस्तौल, कारतूस (7.86 मिमी) तीन लाख रुपये समेत अन्य सामान बरामद किया गये थे. एनआइए की अब तक की जांच से पता चला है कि पीएलएफआई के कैडर झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में विभिन्न कोयला व्यापारियों, ट्रांसपोर्टरों, रेलवे ठेकेदारों और व्यापारियों से लेवी वसूली के माध्यम से धन जुटाने में शामिल थे. उक्त पैसे को निवेश करते थे. वे सुरक्षा बलों पर हमले, हत्या, आगजनी सहित विभिन्न उग्रवादी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश भी रच रहे थे.