रांची : सीआइडी राज्य के विभिन्न जिलों में रेप और पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज केस की समीक्षा अब हर दो माह में करेगी. पुलिस मुख्यालय के स्तर पर भी इसकी समीक्षा हर तीन माह में की जायेगी. डीजीपी ने सीआइडी और पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों के लिए इससे संबंधित निर्देश जारी कर दिया है. यह समीक्षा इसलिए होगी, ताकि पुलिस मुख्यालय के अधिकारी यह जान सकें कि दो माह के अंदर केस में अनुसंधान पूरा कर अदालत में फाइल रिपोर्ट सौंपी गयी है या नहीं.
पुलिस मुख्यालय यह भी समीक्षा करेगा कि विभिन्न जिलों और रेल थाना द्वारा रेप के कितने केस में दो माह के अंदर चार्जशीट हुई और कितने केस में दो माह के बाद. इस बात की समीक्षा जल्द ही पुलिस मुख्यालय एडीजी अभियान के नेतृत्व में की जायेगी. इसके लिए पुलिस मुख्यालय द्वारा जिलों के एसपी और रेंज डीआइजी को टास्क दिया गया है. उनसे केस के बारे में विस्तार से जानकारी मांगी गयी है. पहले जिला के एसपी द्वारा तैयार आंकड़ों के आधार पर रेंज डीआइजी विस्तार से केस की समीक्षा करेंगे. इसके बाद रिपोर्ट सीआइडी मुख्यालय को उपलब्ध करायी जायेगी. सीआइडी मुख्यालय इसकी समीक्षा कर रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को उपलब्ध करायेगा. इसके बाद पुलिस मुख्यालय के स्तर से समीक्षा कर जिलों के एसपी को निर्देश दिया जायेगा.
उल्लेखनीय है कि आइटीएसएसओ के आंकड़ों के अनुसार 21 अप्रैल 2018 से लेकर नौ दिसंबर 2023 तक दर्ज रेप के केस में पुलिस ने अनुसंधान पूरा कर 84.20 प्रतिशत केस में अदालत में फाइनल रिपोर्ट सौंपा है. वहीं सिर्फ 27.50 प्रतिशत केस में ही दो माह से कम समय में अनुसंधान पूरा कर न्यायालय में चार्जशीट समर्पित किया गया है. इसे पुलिस मुख्यालय ने गंभीरता से लिया है. इसलिए जिला के थानों में दर्ज केस और इसके अनुसंधान और फाइनल रिपोर्ट की वास्तविक स्थिति के संबंध में जिलाें से रिपोर्ट मांगी गयी है, ताकि इसकी वास्तविक स्थिति का पता लगाया जा सके.