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रांची समेत तीन शहरों का बढ़ रहा प्रदूषण, जानिए क्या है स्थिति

झारखंड के तीन शहरों का प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है. प्रदूषण रोकने के उपाय नहीं किये जा रहे. धनबाद, जमशेदपुर और रांची का चयन भारत सरकार ने नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (एनसीएपी) के तहत किया है.

रांची, मनोज सिंह : झारखंड के तीन शहरों धनबाद, जमशेदपुर और रांची का चयन भारत सरकार ने नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (एनसीएपी) के तहत किया है. इन शहरों को प्रदूषण रोकने के लिए भारत सरकार पैसा देती है. नगर निकायों के माध्यम से यह पैसा खर्च होना है. धनबाद, जमशेदपुर और रांची नगर निकाय को इस मद में 231.44 करोड़ रुपये मिले हैं. यह राशि खर्च हो रही, मतलब प्रदूषण रोकने के उपाय नहीं किये जा रहे. नतीजा यह कि इन शहरों का प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है.

द सेंटर फॉर रिसर्च एनर्जी ऑन क्लीन एयर (सीआरइए) ने एनसीएपी कार्यक्रम के तहत चयनित जिलों के प्रदूषण के मानक पर रिपोर्ट तैयार की है. इसके अनुसार, झारखंड के तीन शहरों का प्रदूषण स्तर गिरने के बजाय बढ़ा है. रांची में वर्ष 2020-21 में पीएम-10 की औसत मात्रा 105 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर थी. इस कार्यक्रम के तहत इसको 89.25 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर करने का लक्ष्य रखा गया था. यहां पीएम-10 की मात्रा घटने के बजाय बढ़ गयी है. यह 105 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से बढ़कर 2021-22 में 110 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर हो गयी है. धनबाद की स्थिति सबसे खराब है. यहां वर्ष 2020-21 में पीएम-10 की औसत मात्रा 198 थी. इसके तहत 168.3 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर करने का लक्ष्य रखा गया था. यह बढ़कर 235 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पहुंच गयी है.

जमशेदपुर की स्थिति भी सुधरने के बजाय बिगड़ी है. जमशेदपुर में वर्ष 2020-21 में पीएम-10 की मात्रा 96 थी. इसको 81.6 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के स्तर पर लाने का लक्ष्य भारत सरकार ने दिया था. इसकी तुलना में यह 110 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पहुंच गयी है. इस योजना के तहत भारत सरकार ने वैसे जिलों को चुना था, जहां की आबादी 10 लाख से अधिक है. भारत सरकार ऐसे जिलों को प्रदूषण रोकने के लिए 15वें वित्त आयोग से राशि देती है. इसके अतिरिक्त भी इन जिलों को एनसीएपी के तहत भी राशि दी गयी है.

एनसीएपी में 50 फीसदी राशि भी खर्च नहीं

एनसीएपी कार्यक्रम के तहत दिसंबर 2022 तक भारत सरकार ने सभी राज्यों के लिए कुल 652.61 करोड़ रुपये आवंटित किये थे. इसमें अब तक मात्र 301.69 करोड़ रुपये ही खर्च हो पाये हैं. धनबाद को छह करोड़ रुपये मिले थे, जिसमें तीन करोड़ रुपये ही खर्च हो पाये हैं. इसी तरह 15वें वित्त आयोग से इन जिलों को 231.44 करोड़ रुपये मिले थे. इसमें मात्र 5.41 करोड़ रुपये खर्च करने की जानकारी भारत सरकार को दी गयी है. इस योजना के तहत जमशेदपुर के लिए 94.35, धनबाद के 63.09 तथा रांची के लिए 74 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. पूरे देश में भारत सरकार ने प्रदूषण रोकने के लिए 7077 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. 15वें वित्त आयोग के तहत 6425 करोड़ रुपये का प्रावधान भारत सरकार ने किया है. इसमें 1629 करोड़ रुपये खर्च किया गया है.

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प्रदूषण की स्थिति

जिला 2020-21 करना था 2021-22

  • रांची 105 89.25 110

  • धनबाद 198 168.2 235

  • जमशेदपुर 98 81.7 110

    (आंकड़े माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर में)

क्या है स्थिति

झारखंड के तीन शहरों की प्रदूषण की स्थिति अभी भी ठीक नहीं है. शनिवार को शाम पांच बजे रांची का एयर क्वालिटी इंडेक्स 151 था. धनबाद का 180 तथा जमशेदपुर का 177 था. 100 से अधिक मानक को अनहेल्दी माना जाता है. इसी समय दिल्ली के गाजियाबाद का एयर क्वालिटी इंडेक्स 140, नोएडा का 169, आरके पुरम का 184 तथा ओखला का 180 था.

क्या-क्या करना है प्रदूषण रोकने के लिए

एनसीएपी तथा 15वें वित्त आयोग से मिलनेवाले पैसे को खर्च करने के लिए भारत सरकार ने कई कार्यक्रम तय किये हैं. इसके तहत सभी जिलों को क्लीन एयर एक्शन प्लान बनाना है. सभी नगर निगम को प्रदूषण रोकने की जिम्मेदारी दी गयी है. राशि खर्च करने की जिम्मेदारी भी नगर निगम को दी गयी है. इसके तहत चयनित जिलों को डस्ट मैनेजमेंट, इनडोर एयर पॉल्यूशन मैनेजमेंट, पावर सेक्टर से निकलनेवाले प्रदूषण को रोकने का प्रयास करना है. औद्योगिक प्रदूषण के साथ परिवहन से होनेवाले प्रदूषण को भी रोकना है. कृषि कार्य से होनेवाले प्रदूषण रोकने के लिए अभियान चलाना है. कचरा प्रबंधन भी इसी कार्यक्रम का जिम्मा है.

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