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रांची में प्रभात खबर अपराजिता सम्मान समारोह, समाज का मान बढ़ाने वाली 21 महिलाएं हुईं सम्मानित

प्रभात खबर ने एक शाम झारखंड में बदलाव लानेवाली महिलाओं के नाम के तहत गुरुवार को मयूरी ऑडिटोरियम, सीएमपीडीआइ, कांके रोड में अपराजिता सम्मान समारोह का आयोजन किया.

प्रभात खबर की ओर से विभिन्न क्षेत्रों में नाम रोशन करनेवाली राज्य की 21 महिलाओं को अपराजिता सम्मान प्रदान किया गया. सीएमपीडीआइ के मयूरी प्रेक्षागृह में गुरुवार को आयोजित समारोह में मंत्री बादल पत्रलेख व बसंत सोरेन के साथ राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने महिलाओं को सम्मानित किया. अतिथियों ने दीप जलाकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया. सम्मानित महिलाओं ने साइंस एंड टेक्नोलॉजी, व्यवसाय, उद्यमिता, फोटोग्राफी, समाजसेवा, महिला उत्थान,अधिवक्ता, प्रबंधन और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है. प्रभात खबर के मंच से सम्मान प्राप्त कर महिलाएं खुशी से लबरेज दिखीं और प्रभात खबर के प्रति आभार भी व्यक्त किया.


झारखंड की महिलाओं ने किया गौरवान्वित


इस मौके पर राज्य के पथ सह भवन निर्माण मंत्री बसंत सोरेन ने कहा कि झारखंड की महिलाओं ने देश-दुनिया में राज्य का सम्मान बढ़ा कर हर किसी को गौरवान्वित किया है. राज्य की माताओं और बहनों की प्रतिभा पर गौरव महसूस होता है. महिलाओं ने घर से बाहर निकल कर मिथक तोड़ा है. आज नारी शक्ति हर वह मुकाम हासिल कर रही है, जिसे पहले पुरुषों की जागीर समझा जाता था. अपने घर की दहलीज लांघकर महिलाओं ने पुरुषों के कंधे से कंधा मिला कर काम किया है. कई जगहों पर तो महिलाएं पुरुषों से आगे निकल रही हैं. श्री सोरेन ने कहा कि हर काम करनेवाले को आदर-सम्मान की लालसा होती है. प्रभात खबर विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करनेवाली महिलाओं को सम्मानित कर उनका हौसला बढ़ा रहा है. साथ ही बेहतर करने के लिए प्रेरित कर रहा है. वेदों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि हे स्त्री, तुम सभी कर्मों को जानती हो. हे नारी, तुम हमें ऐश्वर्य और शक्ति दो.

मंत्री बादल पत्रलेख ने प्रभात खबर की सराहना की

इस मौके पर कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि प्रभात खबर हर क्षेत्र में बेहतर करनेवाली महिलाओं को अपराजिता सम्मान के रूप में प्लेटफॉर्म उपलब्ध करा रहा है. क्या पता यहां से निकल कर कौन कितनी ऊंची उड़ान भरे ले. उन्होंने कहा कि सलीमा टेटे, संगीता कुमारी, निक्की प्रधान जैसी महिला हॉकी खिलाड़ियों ने बताया कि हम किसी से पीछे नहीं हैं. विषम परिस्थितियों में भी उन्होंने अपने घर से निकल कर अपने लक्ष्य का रास्ता बनाया. करोड़ों लोगों की प्रेरणास्रोत बनीं. श्री पत्रलेख ने कहा कि भारत की सभ्यता में नारी का सम्मान शुरू से है. हमारे पौराणिक ग्रंथों से लेकर इतिहास तक में महिलाओं द्वारा जीवन प्रभावित करने के कई उदाहरण देते हैं. यूपीएससी का परीक्षा परिणाम लगातार इसकी गवाही दे रहा है. 2023 के यूपीएससी परिणाम में टॉप थ्री पर काबिज तीन महिलाओं ने पूरे देश के सामने महिला शक्ति का लोहा मनवाया.


प्रतिभा को मंच देता रहा है प्रभात खबर : सांसद महुआ माजी


राज्यसभा सदस्य महुआ माजी ने कहा कि भगवान बिरसा की धरती को कुदरत ने केवल प्रकृति ही नहीं, बल्कि प्रतिभा के मामले में भी अपनी नेमत से भी नवाजा है. प्रभात खबर राज्य की प्रतिभा को आरंभ से ही मंच देता रहा है. मुझे भी प्रभात खबर के सम्मान से गौरवान्वित होने का अवसर मिला था. यह महिलाओं को रोल मॉडल बनने का मौका देता है. इससे दूसरों को भी अच्छा करने की प्रेरणा मिलती है. उन्होंने कहा कि प्रभात खबर पत्रकारिता के अलावा समाज के हर क्षेत्र पर पैनी नजर रखता है. शिक्षा, खेल और व्यवसाय जैसे विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिता निभाता रहा है. श्रीमती माजी ने कहा कि महिला अपने घरों से निकल कर आगे आयें. उनके उत्थान में पूरा राज्य साथ देगा. गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की पंक्तियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा : खुद को समृद्ध करो. तपस्या से शक्ति बढ़ेगी. उसके बाद तुम्हारा अपमान करने की हिम्मत किसी में नहीं होगी.

महिलाओं का सम्मान पूरे साल होना चाहिए

मौके पर प्रभात खबर के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी ने कहा कि महिला शक्ति का सम्मान प्रभात खबर के लिए गर्व की बात है. केवल महिला दिवस ही नहीं, महिलाओं का सम्मान पूरे साल होना चाहिए. परिवार के संचालन से लेकर समाज के उत्थान तक में महिलाओं का योगदान सबसे ज्यादा होता है. उन्होंने कहा कि झारखंड में महिलाएं सशक्त हैं. समाज में महिलाओं का स्थान व अधिकार झारखंड को विशेष बनाता है. राज्य की महिलाएं खेलों से लेकर विभिन्न क्षेत्रों में देश के सामने मिसाल बनी हैं. हॉकी, तीरंदाजी, फुटबॉल, मुक्केबाजी जैसे खेलों में देश का नाम रोशन किया है. बैंकिंग और व्यवसाय के क्षेत्र में झंडे गाड़े हैं. कार्यक्रम में प्रभात खबर के वाइस प्रेसिडेंट विजय बहादुर, कार्यकारी संपादक अनुज सिन्हा समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे.


आधी आबादी के योगदान को मिला सम्मान


आधी आबादी के योगदान को प्रभात खबर ने सम्मानित किया. प्रभात खबर ने एक शाम झारखंड में बदलाव लानेवाली महिलाओं के नाम.. के तहत गुरुवार को मयूरी ऑडिटोरियम, सीएमपीडीआइ, कांके रोड में अपराजिता सम्मान समारोह का आयोजन किया. मौके पर झारखंड में बदलाव लानेवाली महिला शख्सियतों को सम्मानित किया गया और उनके योगदान को लेकर विमर्श किया गया. समाज के अलग-अलग क्षेत्र में अपना योगदान देनेवाली महिलाएं अपराजिता सम्मान से सम्मानित की गयीं.

इन महिला शख्सियतों को मिला सम्मान

  1. प्रो डॉ मिली घोष : ये प्लैनेट्री साइंस यानी ग्रह विज्ञान में अपनी पहचान बना चुकी हैं. बीआइटी मेसरा के डिपार्टमेंट ऑफ रिमोट सेंसिंग इंजीनियरिंग की प्रोफेसर हैं. डॉ मिली को मार्स मिशन और चंद्रयान-टू में इस्तेमाल हुए सेंसर का विशलेषणात्मक अध्ययन करने की जिम्मेदारी मिली थी.
  2. शांति लकड़ा : ये पहले घरेलू कामगार थीं. फिर पिंक ऑटो चलाया और आज मांइस में डंपर चला रही हैं. ओडिशा की माइंस में डंपर ऑपरेटर हैं. पुरुषों की तरह ही माइंस में भारी भरकम डंपर चला रही हैं.
  3. कनिका मल्होत्रा : इन्होंने बिजनेस के क्षेत्र में अपनी पहचान बनायी है. एचआर कंसल्टेंसी चलाती हैं. इनकी कंपनी की खास बात है कि इनकी सारी स्टॉफ केवल महिलाएं हैं. पहले बतौर एचआर फ्री लांसर के रूप में काम करना शुरू किया. इनकी टीम में आठ महिलाएं शामिल हैं.
  4. ऋत्विजा दिति : बॉलीवुड सिंगर हैं. हर तरह के गाने गाती हैं. अपना बैंड बनाया है. देश-विदेश में अपने बैंड के साथ अपनी आवाज का जादू बिखेर रही हैं. इंटर डीपी एस संगीत प्रतियोगिता में नेशनल विनर रही हैं.
  5. गीता महतो : ये नेत्रहीन महिला क्रिकेटर हैं और इंडियन वीमेंस ब्लाइंड क्रिकेट टीम की खिलाड़ी हैं. नेत्रहीन होते हुए भी इनका खेल अद्भुत है. शुरुआत से ही नेशनल लेवल पर क्रिकेट खेलती रही हैं.
  6. सुनीता देवी : झारखंड के लातेहार जिले के भगत टोला में सुनीता देवी के ससुराल समेत विभिन्न गांवों में उन दिनों शौचालय नहीं था. सुनीता जिले की पहली ‘रानी मिस्त्री’ बनीं. रानी मिस्त्री बनने के बाद इन्होंने गांव के महिला समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण दिया और सभी को रानी मिस्त्री बनाया.
  7. सुनीता लकड़ा : ये सोशल एक्टिविस्ट हैं. पिछले 15 वर्षों से आदिवासी और दलितों के अधिकारों के लिए जमीन पर काम कर रही हैं. झारखंड के अलावा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तरप्रदेश के अलावा दक्षिण के राज्यों में भी आदिवासी समुदाय को उनका हक दिलाने के लिए प्रयासरत हैं.
  8. महिका चौधरी : ये प्रोफेशनल फोटोग्राफर हैं. कंपनियों के उत्पाद का प्रचार करतीं इनके द्वारा खींची गयी तसवीरें देश भर के शहरों में विशाल होर्डिंग पर लगी दिखती हैं.
  9. आशा किरण बारला : गुमला के कामडारा ब्लॉक के नवाडीह गांव की रहनेवाली आशा किरण बारला अंतराष्ट्रीय स्तर की एथलीट हैं. आशा ने 2022 में साउथ एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीता था. इसके बाद इनका चयन सीनियर इंडिया एथलेटिक्स कैंप के लिए किया गया.
  10. सुषमा केरकेट्टा : गुमला जिले के पालकोट प्रखंड की कोलेंग पंचायत की मुखिया सुषमा केरकेट्टा ने अपनी पंचायत को बाल विवाह मुक्त बनाया.वह बाल विवाह के खिलाफ अभियान चला रही हैं.
  11. इंदु टोप्पो : गुमला जिले के चैनपुर ब्लॉक की इंदु कभी गरीबी और घर के तानों से परेशान थीं और मजदूरी करती थी. अब वह ग्राम संगठन का नेतृत्व कर रही हैं. साइकिल पर घूम-घूम कर घरेलू हिंसा के खिलाफ काम कर रही हैं. जेएसपीएलएस से जुड़कर खुद का व्यवसाय शुरू किया.
  12. ज्योति कुमारी, उद्यमी : ज्योति कुमारी ने एमबीए, एलएलबी करने के साथ-साथ फैशन डिजाइनिंग भी की है. वह वर्तमान में झारखंड चेंबर में कोषाध्यक्ष के पद पर काम कर रही हैं. 2023 के झारखंड चेंबर चुनाव में इन्होंने सबसे अधिक वोट लाकर प्रथम स्थान पाया था.
  13. डॉ खुशबू रानी, असिस्टेंट प्रोफेसर, रिम्स सर्जरी विभाग : डॉ खुशबू रिम्स के सर्जरी विभाग में कार्यरत हैं. इन्होंने एमबीबीएस की डिग्री वर्धा मेडिकल कॉलेज से ली है. वहीं से मास्टर ऑफ सर्जरी में अपनी पढ़ाई पूरी की है. वर्तमान में वह रिम्स के सर्जरी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर अपनी सेवा दे रही हैं.
  14. अरुणा तिर्की : अरुणा झारखंडी फूड को बढ़ावा दे रही हैं. रांची में झारखंडी व्यजनों का रेस्टोरेंट चलाती हैं. विश्व पटल में झारखंडी व्यंजनों को पहचान दिलाने के लिए लगी हुई हैं.
  15. ज्योति साहू : नागपुरी गाने गाती हैं. सुर संग्राम की प्रतिभागी एवं सिटी जज भी रह चुकी हैं. नागपुरी के अलावा भोजपुरी और खोरठा आदि भाषाओं में गाने गा रही है.
  16. डॉ स्नेहा पांडेय : आरकेडीएफ यूनिवर्सिटी रांची की डिपार्टमेंट ऑफ बॉयोटेक्नॉलॉजी की एसोसिएट प्रोफसर एवं डीन हैं. झारखंड में आरकेडीएफ यूनिवर्सिटी के द्वारा ट्री एम्बुलेंस की सेवा दी जा रहीं हैं. जिसका संचालन श्रीमती पांडेय कर रही हैं और पेड़ों की बीमारियों को ठीक करने में योगदान दे रही हैं.
  17. खुशबू कटारुका -झारखंड उच्च न्यायालय की अधिवक्ता हैं. खूशबू वकालत के साथ-साथ सामाजिक विषयों पर काम करती हैं. खास कर पर्यावरण एवं नागरिक सुविधाओं के मुद्दे उठाती हैं.
  18. गायत्री सिंह- गायत्री सिंह एक शिक्षाविद और सामाजिक कार्यकर्ता हैं. गायत्री ने रांची में ‘पेस्टालोज़ी चिल्ड्रेंस एजुकेशन सोसाइटी’ की स्थापना की है, जहां वह मुख्य माध्यमिक स्तर की शिक्षा देने पर ध्यान केंद्रित करती हैं. लड़कियों का सशक्तीकरण मुख्य उद्देश्य है.
  19. सबिला खातून – घर की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने और उत्तम प्रकार की बुनाई के क्षेत्र में आगे बढ़ते हुए नयी तकनीक की शिक्षा ग्रहण कर रही हैं.
  20. रिंकू चौधरी – रिंकू ने बीमा के संबंध में समाज में जागरूकता पैदा करने का काम किया है. परिवारों को वित्तीय अनिश्चितताओं से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है. 350 से अधिक बीमा पेशेवरों के साथ काम किया है.
  21. माधुरी यादव – मां राम प्यारी सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल की सीईओ हैं. स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं. इनका एकडेमिक करियर बहुत शानदार रहा है. ये शुरू से ही मेधावी छात्रा रही हैं. अस्पताल का संचालन संभाल रही हैं. अस्पताल का सफल संचालन करते हुए इन्होंने और तीन अस्पतालों का निर्माण कराया, जो कुशल प्रबंधन और नारी शक्ति का परिचायक है.

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