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पीएम आवास योजना के लिए आठ तरह के मॉडल तय, जानें किन जिलों के है कौन सा मॉडल

प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत आवासों के निर्माण के लिए आठ तरह के मॉडल तय

jharkhand news, pradhan mantri awas yojana in jharkhand प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत आवासों के निर्माण के लिए आठ तरह के मॉडल तय किये गये हैं. अलग-अलग जिलों के लिए ये मॉडल तय किये गये हैं. जिन जिलों में जिस तरह के मेटेरियल आसानी से उपलब्ध है, वहां के लिए उसी के अनुरूप आवास निर्माण कराने की छूट दी जायेगी. यह प्रावधान है कि आवास निर्माण के लिए लाभुक की ओर से आवेदन आने पर विभागीय मंत्री की सहमति लेकर बनाने की अनुमति दे दी जायेगी.

जानकारी के मुताबिक मॉडल वन में मिट्टी या पत्थर की दीवार होगी. मिट्टी की लिपाई होगी. बंगाल टाइल्स या देशी खपड़ा का इस्तेमाल होगा. प्लास्टिक का शीट बिछा कर मड सोलिंग का प्रावधान है. खिड़की -दरवाजा लोहे का होगा. साहेबगंज, गोड्डा, पाकुड़, देवघर व दुमका के लिए इसका प्रावधान किया गया है. वहीं मॉडल टू में रांची, रामगढ़, धनबाद, जामताड़ा, बोकारो, खूंटी, सरायकेला खरसावां के लिए पत्थर की दीवार होगी.

मिट्टी का प्लास्टर होगा. ऊपर में बांस का फ्रेम लगाया जायेगा, फिर लोकल टाइल्स या बंगाल टाइल्स लगा कर छत बनायी जायेगी. मॉडल थ्री के तहत मिट्टी की दीवार होगी. प्लॉक बना कर दीवार बनायी जायेगी. जीआइ शीट लगाया जायेगा. फिर बंगाल टाइल्स लगाया जायेगा. प्लास्टिक डालने के बाद मिट्टी का फ्लोर बनाया जायेगा. यह मॉडल सिमडेगा, पश्चिमी सिंहभूम और पूर्वी सिंहभूम के लिए बनाये गये हैं. मॉडल फोर में ब्रिक्स वॉल बनेगा. रूफ में जीआइ शीट डाली जायेगी.

उसके ऊपर बंगाल टाइल्स दिया जा सकता है. फ्लोर प्लास्टिक के बाद मड का बनाया जायेगा. गुमला, गढ़वा, पलामू, लातेहार, हजारीबाग, कोडरमा, गिरिडीह और लोहरदगा के लिए इसका प्रावधान किया गया है. पांचवें मॉडल के तहत ब्रिक्स की जोड़ाई होनी है. इसकी फिनिशिंग मिट्टी से की जायेगी. ऊपर बांस का जाली बनाया जायेगा.

फिर जीआइ शीट डाल कर बंगाल टाइल्स लगाया जायेगा. छठे मॉडल में पांचवें मॉडल की तरह व्यवस्था होगी. इसमें केवल बांस का स्ट्रक्चर बनाया जायेगा. छत में बंगाल टाइल्स का इस्तेमाल होना है. सातवें मॉडल के तहत पीएम आवास योजना का अपना मॉडल है. इसमें आरसीसी रूफ होगा. ब्रिक्स वॉल होगा. सीमेंट व कंक्रीट का इस्तेमाल होना है.

प्लास्टर सीमेंट व बालू से होता है. लोहा दरवाजा व खिड़की का प्रावधान है. यानी सामान्य रूप से जिस तरह पक्के मकान का निर्माण होता है, उस तरह का मकान बनाना है. अाठवें मॉडल के तहत ब्रिक्स का इस्तेमाल होना है. मिट्टी का इस्तेमाल करना है. बांस का स्ट्रक्चर तैयार करना है. जीआइ शीट का इस्तेमाल छत के लिए करना है. फिर उसके ऊपर बंगाल टाइल्स का उपयोग होगा.

कुल मिला कर इन्हीं मॉडल के तहत आवासों का निर्माण कराया जाना है. अगर लाभुक आवासों का निर्माण सातवें मॉडल यानी ईंट, बालू, सीमेंट व कंक्रीट के इस्तेमाल वाला चाहता है, तो वैसा ही बनायेगा. अन्य दूसरे मॉडल के लिए वह आवेदन देगा.

खपरैल आवास के मॉडल इस्टीमेट के लिए कमेटी बनी

रांची. ग्रामीण विकास विभाग ने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में खपरैल आवास के इस्टीमेट तैयार करने के लिए कमेटी बनायी है. कमेटी में इंजीनियरों को रखा गया है. वे मॉडल इस्टीमेट तैयार करेंगे, ताकि उसके मुताबिक आवासों का निर्माण होगा. कंक्रीट की छत वाले मकान की जगह खपरैल मकान में मॉडल इस्टीमेट लागू होगा. कमेटी का अध्यक्ष अभियंता प्रमुख कार्यालय , ग्रामीण कार्य विभाग में कार्यरत कार्यपालक अभियंता प्रमोद कुमार को बनाया गया है.

वहीं ग्रामीण कार्य विभाग के सहायक अभियंता ओम प्रकाश बड़ाईक, कनीय अभियंता देवेंद्र कुमार और कंसल्टेंट सुवेंदू सिन्हा को सदस्य बनाया गया है. वे 15 दिनों के अंदर इस्टीमेट करके विभाग को उपलब्ध करायेंगे. राज्य के भौगोलिक स्थिति को देखते हुए इस्टीमेट तैयार करेंगे.

Posted By : Sameer Oraon

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