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रांची रिम्स में बनेगा 100 बेड का प्री-फैब्रिकेटेड विंग, मरीजों को मिलेगी राहत

रिम्स में 100 बेड का प्री-फैब्रिकेटेड विंग तैयार किया जायेगा. स्वास्थ्य सचिव अरुण कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में लिया गया. सचिव ने कहा कि अक्सर देखा जाता है कि सेंट्रल इमरजेंसी में बेड की कमी के कारण मरीजों का इलाज ट्रॉली पर होता है. इससे मरीज और डॉक्टर दोनों को परेशानी होती है.

रांची रिम्स में 100 बेड का प्री-फैब्रिकेटेड विंग तैयार किया जायेगा. सेंट्रल इमरजेंसी में बेड भर जाने के बाद गंभीर मरीजों को इस विंग में भर्ती किया जायेगा. प्री-फैब्रिकेटेड विंग का निर्माण सेंट्रल इमरजेंसी के पास किया जायेगा. इसके लिए शीघ्र निविदा निकाली जायेगी. यह निर्णय शनिवार को स्वास्थ्य सचिव अरुण कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में लिया गया. सचिव ने कहा कि अक्सर देखा जाता है कि सेंट्रल इमरजेंसी में बेड की कमी के कारण मरीजों का इलाज ट्रॉली पर होता है. इससे मरीज और डॉक्टर दोनों को परेशानी होती है.

राज्य का सबसे बड़ा अस्पताल होने के कारण यहां मरीजों का लोड अधिक है. इसलिए बेड की संख्या बढ़ाना जरूरी है. इसके अलावा कंट्रोल रूम का निर्माण अगस्त के प्रथम सप्ताह में करने पर भी निर्णय हुआ. कंट्रोल रूम में सीसीटीवी से अस्पताल की निगरानी व फायर और सुरक्षा के लिए 24 घंटे कर्मी तैनात रहेंगे. इस दौरान ट्रॉली और व्हीलचेयर के अलावा दवा की उपलब्धता का भी आकलन किया गया. आउटसोर्सिंग से कर्मचारियों की नियुक्त पर भी चर्चा हुई. वहीं, जीबी में लिये गये फैसले को लागू कराने और उसमें आ रही दिक्कत को शीघ्र दूर करने का निर्देश सचिव ने दिया. मौके पर निदेशक डॉ राजीव कुमार गुप्ता, अधीक्षक डॉ हिरेंद्र बिरुआ, उपाधीक्षक डॉ शैलेश त्रिपाठी, डीन डॉ विद्यापति सहित सभी विभागाध्यक्ष मौजूद थे.

विद्यार्थियों को अनुशासन में रखें

सचिव ने विद्यार्थियों को हॉस्टल में मिलने वाली सुविधा बढ़ाने का निर्देश दिया. वहीं, सुविधा उपलब्ध कराने के बाद उन्हें अनुशासन में रखने को भी कहा गया. अगर कुछ छात्र-छात्राओं के कारण माहौल खराब हो रहा है, तो उनपर कार्रवाई करने को कहा.

रांची. रिम्स के हॉस्टल नंबर पांच और छह में अवैध रूप से संचालित कैंटीन को प्रबंधन ने बंद करने का आदेश दिया है. कैंटीन संचालक को तत्काल जगह खाली करने को कहा गया है. साथ ही जानकारी मांगी गयी है कि किसके आदेश पर यहां कैंटीन चलायी जा रही थी. हॉस्टल खाली कराने के दौरान स्टूडेंट वेलफेयर कमेटी को अवैध कैंटीन के बारे में जानकारी मिली.

हॉस्टल की मरम्मत का कार्य शुरू

इधर, हॉस्टल की मरम्मत का कार्य भी शुरू कर दिया गया है. पीआरओ डॉ राजीव कुमार ने बताया कि हॉस्टल की दशा ठीक होने के बाद नये सिरे से कमरों का आवंटन शुरू होगा. पीडब्ल्यूडी को 10 से 12 दिनों में हॉस्टल दुरुस्त करने को कहा गया है.

हॉस्टल नंबर आठ में तैयार हो रहे 200 नये कमरे

हॉस्टल नंबर आठ में 200 नये कमरे तैयार किये जा रहे हैं. शनिवार को स्टूडेंट वेलफेयर कमेटी के डीन डॉ शिव प्रिये के साथ निदेशक डॉ राजीव गुप्ता की बैठक हुई, जिसमें कमरों को लिए फर्नीचर खरीदने का निर्णय हुआ.

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