रांची: अयोध्या राम मंदिर को लेकर चारों तरफ उत्साह का माहौल है. 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर झारखंड में निमंत्रण दिए जा रहे हैं. अयोध्या धाम श्रीरामजन्मभूमि से पूजित होकर आया अक्षत व नूतन मंदिर के चित्र से झारखंड प्रांत के सभी जिलों में 13वें दिन भी कार्यकर्ताओं ने काफी उत्साहपूर्वक गांवों व नगरों की गली-गली में हजारों परिवारों को निमंत्रण दिया. विश्व हिंदू परिषद क्षेत्र संगठन मंत्री आनंद कुमार ने बोकारो, धनबाद साहिबगंज, पाकुड़, वहीं प्रांत मंत्री डॉ वीरेंद्र साहू, प्रांत संगठन मंत्री देवी सिंह ने रामगढ़, हजारीबाग के डेमोटांड़ व चरही, कोडरमा, देवघर, गिरिडीह के पीरटांड़, इसरी, बगोदर, बिशुनगढ़ प्रखंड के गांव गोविन्दपुर तथा प्रांत सहमंत्री मनोज पोद्दार एवं बजरंग दल प्रांत संयोजक दीपक ठाकुर ने खूंटी, गुमला, लातेहार व पलामू प्रवास कर कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्धन कर अभियान को गति दी. अभियान के क्रम में कार्यकर्ताओं के साथ घर-घर जाकर दर्जनों परिवारों को निमंत्रण दिए.
31000 से अधिक मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठान
राम मंदिर का निमंत्रण देते हुए प्रांत मंत्री डॉ वीरेंद्र साहू ने कहा कि पूरे झारखंड प्रांत में भगवान पुरुषोत्तम श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर प्रत्येक गांवों व नगरों की गली-गली में उत्साह के साथ कार्यकर्ताओं के द्वारा पूजित अक्षत एवं नूतन मंदिर का चित्र देकर के निमंत्रण दिया जा रहा है. झारखंड के प्रत्येक गांव एवं शहरों के लगभग 31000 से अधिक बड़े मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठान एवं महाआरती का कार्यक्रम किए जाएंगे. प्रत्येक परिवार के महिलाएं अपने घरों से दीपक सजाकर लाई गई थाली से महाआरती कर भगवान को श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे. 22 जनवरी को 11:00 से 1:00 तक संपूर्ण हिंदू समाज मंदिर में एकत्रित होकर धार्मिक अनुष्ठान एवं महाआरती करेंगे. साथ ही संध्या बेला में भव्य दीपोत्सव कर भगवान पुरुषोत्तम श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का खुशियां मनाएंगे.
राममय से उल्लास
प्रांत संगठन मंत्री देवी सिंह ने कहा कि चाहे गांव हो चाहे शहर, भगवान श्रीराम के प्रति श्रद्धा को देखकर लगता है मानो त्रेतायुग में भगवान पुरुषोत्तम श्रीराम जी बनवास से लौटे हैं और उनके राजतिलक की तैयारी चल रही हो. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं के उत्साह व हिंदू समाज की भगवान के प्रति असीम श्रद्धा ने संपूर्ण भूमंडल को उल्लासित कर दिया है.
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