सेंट्रल लाइब्रेरी में बुधवार को हुई घटना के बाद रांची विवि के कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा ने गुरुवार को विवि के अधिकारियों व भवन निर्माण विभाग के इंजीनियरों के साथ सेंट्रल लाइब्रेरी सहित कई भवनों का निरीक्षण किया. पूरे भवन का निरीक्षण करने के बाद कुलपति ने बताया कि अब सेंट्रल लाइब्रेरी भवन को मरम्मत के बाद ही खोला जायेगा. इस भवन का संपूर्ण जीर्णोद्धार किया जायेगा.
इंजीनियरों ने सेंट्रल लाइब्रेरी का निरीक्षण करने के बाद बताया कि इस भवन का निर्माण 1960 में एचइसी द्वारा कराया गया है. 1970 में इसे रांची विवि को सौंपा गया. भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता एवं कनीय अभियंता ने कुलपति को बताया कि भवन काफी मजबूत है, लेकिन इसके छज्जों पर पानी का जमाव होने से छज्जों में क्रैक आ गया और यह कमजोर हो गया, जो हादसे का कारण बना. बताया गया कि लाइब्रेरी के पीछे के हिस्से को भी तोड़ कर फिर से बनाया जायेगा.
कुलपति ने कहा कि सभी छज्जों को तोड़ कर उन्हें पानी निकासी लायक बनाया जायेगा. साथ ही सेंट्रल लाइब्रेरी के सामने पार्किंग स्थल से सूखे पेड़ों को भी हटाया जायेगा. इस कार्य के लिए भवन निर्माण विभाग को एक पत्र गुरुवार को भेज दिया गया है. अब सुरक्षा के सभी इंतजाम के बाद ही सेंट्रल लाइब्रेरी में छात्रों का प्रवेश सुनिश्चित किया जायेगा. कुलपति ने बताया कि इससे राजभवन को भी अवगत कराया जा रहा है.
रांची विवि अंतर्गत सेंट्रल लाइब्रेरी भवन की मरम्मत के लिए विवि प्रशासन ने अप्रैल 2022 में ही भवन निर्माण विभाग को पत्र भेजा था. इसके अलावा विवि ने पिछले साल जुलाई व नवंबर में विभाग को पत्र भेज कर शीघ्र मरम्मत कराने का आग्रह किया था. लेकिन, मरम्मत नहीं करायी गयी. बुधवार को हादसे के बाद 15 जून को भवन निर्माण विभाग को फिर से मरम्मत के लिए पत्र भेजा गया है. विभाग के इंजीनियरों ने शीघ्र ही डीपीआर तैयार कर इस दिशा में कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.
रांची विवि मुख्यालय में गुरुवार को कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में शोकसभा हुई. इस दौरान सेंट्रल लाइब्रेरी का छज्जा गिरने से छात्र मंतोष बेदिया की हुई मौत पर शोक जताया गया. अधिकारियों व कर्मचारियों ने दो मिनट मौन रख कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. मौके पर डीएसडब्ल्यू, रजिस्ट्रार, वोकेशनल डिप्टी डायरेक्टर, एफओ आदि थे.