रांची : शहर के घरों से निकले गीले कचरे से अब बायोगैस बनेगा. इसके लिए गेल इंडिया झिरी में बायोगैस प्लांट का निर्माण करा रहा है. निगम की योजना मार्च से इसकी शुरुआत करने की है. प्लांट को रोज 300 टन गीला कचरा की जरूरत पड़ेगी. इसके लिए रांची नगर निगम के अफसरों ने सफाई के लिए नया बिट प्लान तैयार किया है. इसके तहत फरवरी माह से लोगों के घरों से मिक्स कचरा का उठाव पूरी तरह बंद कर दिया जायेगा. लोगों के घरों से गीला व सूखा कचरा अलग-अलग उठाया जायेगा. नयी व्यवस्था के दौरान सफाई व्यवस्था पूरी तरह से न चरमरा जाये, इसके लिए गीला कचरा उठाने के लिए निगम की गाड़ी प्रतिदिन आयेगी. वहीं सूखा कचरा का उठाव दो से तीन दिनों में एक बार किया जायेगा.
सूखा कचरा के तहत आम घरों से पॉलिथीन, पेपर, प्लास्टिक की बोतल, शीशा, लकड़ी आदि निकलते हैं. चूंकि इन चीजों के घर में रहने पर भी बदबू या कोई परेशानी नहीं होगी, इसलिए निगम के वाहन सूखा कचरा उठाने के लिए दो से तीन दिनों में एक बार मोहल्ले में आयेंगे.
नयी व्यवस्था के बहाल होने के बाद गेल इंडिया को रोज 300 टन गीला कचरा की जरूरत पड़ेगी. ऐसे में नियमित रूप से कचरा झिरी पहुंच जाये. इसके लिए नगर निगम ने ट्रायल शुरू कर दिया है. इसके तहत सोमवार को एक कॉम्पैक्टर गीला कचरा लेकर झिरी पहुंचा. निगम की तैयारी कम से कम प्रतिदिन 10 कॉम्पैक्टर गीला कचरा झिरी भेजने की है.
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आम लोग गीला व सूखा कचरा अलग अलग रखने के लिए प्रेरित हों. इसके लिए नगर निगम के सभी वाहनों में इससे संबंधित जिंगल बजाने का आदेश दिया गया है. वहीं चौक-चौराहों पर इससे संबंधित होर्डिंग भी लगाये जायेंगे.