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Ranchi News: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता अंतु तिर्की ने आदिवासियों की जमीन बेचकर करोड़ों रुपए की कमाई की है. उसने इसको स्वीकार भी किया है. उसने माना है कि फर्जी दस्तावेज के आधार पर जमीन के कारोबार में वह भी शामिल था. साथ ही गिरोह के सदस्यों से पैसा भी लेता था.
Ranchi News: एलआरडीसी का क्लर्क भी जालसाजी गिरोह में
अंतु तिर्की ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों को बताया है कि जालसाजी करके जमीन के कारोबार में रांची के एलआरडीसी कार्यालय का क्लर्क मनोज यादव भी शामिल है. ईडी ने अंतु तिर्की व अन्य के खिलाफ दायर आरोप पत्र में इन तथ्यों का उल्लेख किया है. साथ ही जमीन कारोबारियों के बीच बातचीत का कॉल डिटेल, पैसों के लेन-देन के अलावा जमीन के मूल दस्तावेज छेड़छाड़ करने के लिए होटल पियरलेस इन में ठहरने का बिल भी सबूत के तौर पर पेश किया है.
अंतु तिर्की सहित 10 के खिलाफ ईडी ने दाखिल की चार्जशीट
ईडी दस्तावेज में जालसाजी करनेवाले गिरोह के साथ तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का संबंध स्थापित करने के लिए एक चार्ट भी आरोप पत्र के साथ कोर्ट को दिया है. इस बीच मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) नेता अंतु तिर्की सहित 10 आरोपियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर चार्जशीट पर गुरुवार को पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश राजीव रंजन की कोर्ट ने संज्ञान लिया. अब इस मामले की अगली सुनवाई 27 जून को होगी.
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चैनल के जरिए भानु प्रताप तक पहुंचता था हेमंत सोरेन का संदेश
पीएमएलए कोर्ट में दायर आरोप पत्र में कहा गया है कि जमीन से जुड़े दस्तावेज में जालसाजी करनेवाले गिरोह का साथ तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का संबंध है. उनका संदेश एक चैनल के जरिये राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप प्रसाद के पास पहुंचता था. भानु का संबंध जालसाज गिरोह के सदस्यों के साथ है. जालसाज गिरोह में कोलकाता के रजिस्ट्री कार्यालय के कर्मचारियों के अलावा रांची शहर अंचल का पूर्व लिपिक मनोज यादव भी शामिल है. वह फिलहाल एलआरडीसी कार्यालय में पदस्थापित है.
इकरारनामा से संबंधित कई कागजात अंतु के घर से बरामद हुए
आरोप पत्र में कहा गया है कि अंतु तिर्की ने गिरफ्तारी के बाद पूछताछ के दौरान आदिवासियों की जमीन बेच कर करोड़ों रुपये कमाने की बात स्वीकार की है. अंतु के घर छापेमारी के दौरान बड़गाईं, ओरमांझी सहित अन्य स्थानों पर जमीन की खरीद-बिक्री के लिए अपने और पारिवारिक सदस्यों के नाम किये गये इकरारनामे से संबंधित कागजात मिले थे. पूछताछ के दौरान उसने इन सभी मामलों में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है.
ईडी ने डायरी के पन्नों को सबूत के तौर पर पेश किया
ईडी ने जालसाज गिरोह के सदस्यों के बीच हुए पैसों के लेन-देन, खातों में नकद जमा के अलावा सरकारी दस्तावेज में फर्जी मालिकों के नाम की इंट्री के लिए दिये गये पैसों का ब्योरा भी आरोप पत्र में दिया है. इसे प्रमाणित करने के लिए सद्दाम, अफसर आलम, प्रियरंजन, अंतु तिर्की सहित अन्य द्वारा लिखी गयी डायरी के पन्नों को सबूत के तौर पर पेश किया है.
गिरोह के फोन कॉल का डिटेल भी ईडी ने कोर्ट में पेश किया
ईडी ने गिरोह के सदस्यों की बीच कारोबारी संबंध स्थापित करने के लिए इनके फोन कॉल का डिटेल भी कोर्ट में पेश किया है. आरोप पत्र में कहा गया है कि गिरोह के सदस्य कोलकाता के होटल पियरलेस इन्न में ठहरते थे. कोलकाता रजिस्ट्री कार्यालय के कर्मचारी कार्यालय से जमीन के मूल दस्तावेज उन्हें उपलब्ध कराते थे. जालसाज गिरोह के सदस्य होटल में ही मूल दस्तावेज में छेड़छाड़ कर फर्जी सेल डीड बनाते थे. इसके बाद इस जमीन की खरीद-बिक्री की जाती थी.
अंतु तिर्की ने इन मामलों में अपनी संलिप्तता स्वीकार की
- बड़गाईं के खाता नंबर-234 के प्लॉट नंबर-1055 से संबंधित इकरारनामे में 42 डिसमिल जमीन और 73.5 लाख रुपये शामिल है.
- अफसर अली के साथ एक जमीन की खरीद-बिक्री में अंतु तिर्की ने पांच लाख रुपये लिये थे.
- अंतु ने अपनी पत्नी सुनीता तिर्की के नाम शहदेव पाहन के साथ ओरमांझी के खाता नंबर-232 के प्लॉट नंबर-1054 में निहित 32 डिसमिल जमीन की इकरारनामा किया.
- मौजा बड़गाईं में पाहन परिवार से 40 लाख में 73 डिसमिल जमीन ली और सुरेंद्र मुंडा को 2.05 करोड़ में बेची.
- खाता नंबर-2020 और 221 में निहित 1.30 एकड़ जमीन का इकरारनामा शनिचरिया देवी के साथ किया.
- बड़गाईं के कैलाश पाहन से 22.50 लाख रुपये में 15 डिसमिल जमीन ली.
- मौजा बड़गाईं में मंजू देवी से खाता नंबर-232 के प्लॉट नंबर-232 की जमीन ली.
- मौजा बड़गाईं में खाता नंबर-231 के प्लाट नंबर-1059 में निहित 54 डिसमिल जमीन का इकरारनामा बुधु पाहन से किया.
- मौजा बड़गाईं में सोमरा पाहन, रमेश पाहन, नरेश पाहन व अन्य के साथ इकरारनामा किया.
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