RIMS News: झारखंड का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल रिम्स हमेशा किसी ना किसी वजह से सुर्खियों में बने रहता है. कभी अच्छे कामों के लिए, तो कभी अपनी कुव्यवस्थाओं के लिए जाने जाने वाला रिम्स एक बार फिर चर्चा में है. इस बार, इसकी वजह है एक बच्चा जिसे रिम्स ने नई जिंदगी दी है.
दरअसल, 7 महीने पहले एक बच्चे को रिम्स में एडमिट कराया गया था. बच्चे की उम्र करीब 12-13 साल की होगी. तब वह बेहद दयनीय स्थिति में था. स्थिति ऐसी कि वह अपने हाथ-पैर भी नहीं हिला सकता था. सांस लेने में भी उसे काफी तकलीफ होती, जिसके कारण उसे वेंटिलेटर पर रखना पड़ा. बच्चे का इलाज 4 महीने तक एचडीयू न्यूरोसर्जरी वार्ड में चला. जिसके बाद वह बिल्कुल ठीक हो गया.
रिम्स ने ना जाने कितनी जिंदगियां बचाई होंगी, उसका एक उदाहरण है यह बच्चा, 7 महीने पहले जब भी हमारे पास आया था तब इसकी स्थिति ऐसी थी कि हाथ ,पैर को हिला भी नहीं पा रहा था साथ ही सांस लेने में इतनी तकलीफ थी की वेंटिलेटर पर जाने की आवश्यकता पड़ गई थी ,यह तकरीबन 4 महीने तक हमारे HDU… pic.twitter.com/tjCp1K8mkL
— Dr Vikas Kumar (@drvikas1111) April 25, 2023
इस बच्चे का इलाज, रिम्स के डॉक्टर विकास कुमार ने किया. बच्चे के ठीक होने के बाद डॉ विकास ने बच्चे के पहले और बाद की स्थिति की तस्वीर लगाकर ट्वीट किया है. इन तस्वीरों में ठीक होने के बाद बच्चे के चेहरे पर जो खुशी है, वो देखते बन रही है.
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डॉ विकास ने ट्वीट में लिखा कि रिम्स ने ना जाने कितनी जिंदगियां बचाई होंगी, उसका एक उदाहरण है यह बच्चा. 7 महीने पहले जब यह हमारे पास आया था ,तब इसकी स्थिति ऐसी थी कि हाथ-पैर को हिला भी नहीं पा रहा था. साथ ही सांस लेने में इतनी तकलीफ थी की वेंटिलेटर पर जाने की आवश्यकता पड़ गई थी. यह तकरीबन 4 महीने तक हमारे HDU Neurosurgery वार्ड में एडमिट रहा और अब यह दोबारा हमारे पास आया जो बिल्कुल अच्छे से हैं और नॉर्मल व्यक्ति की तरह सारे काम करता है.
अंत में डॉ विकास ने मजाकिया अंदाज में लिखा कि अब हमने इसे स्कूटी चलाने से मना किया है. इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि शायद बच्चे की यह गंभीर हालत एक सड़क हादसे के बाद हुई होगी. शायद बच्चे का एक्सीडेंट स्कूटी से हुआ होगा.