रांची. दामोदर नदी को प्रदूषण से बचाने के लिए धनबाद में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का निर्माण कराया जायेगा. गंगा नदी को स्वच्छ करने के लिए भारत सरकार द्वारा गठित नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) के तहत दामोदर नदी को साफ रखने की योजना तैयार की गयी है. सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण जुडको के माध्यम से कराया जायेगा. कुल 192 एमएलडी क्षमता वाले पांच एसटीपी बनाये जायेंगे. प्रस्तावित एसटीपी के निर्माण की लागत 518 करोड़ होगी. गुरुवार को नयी दिल्ली स्थित नमामि गंगे कार्यालय में एसटीपी निर्माण के लिए त्रीपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किया गया. एनएमसीजी, जुडको व धनबाद वेस्ट वाटर मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधियों ने समझौते पर हस्ताक्षर किये.
गंदा पानी गिरने से रोका जायेगा
परियोजना का उद्देश्य दामोदर नदी में गंदे पानी को गिरने से रोक कर उसे प्रदूषण मुक्त करना है. इसके लिए 192 एमएलडी क्षमता वाले कुल पांच सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट विभिन्न स्थानों पर लगाये जायेंगे. इसके अलावा नदी को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए हाइब्रिड माॅडल पर आधारित पंपिंग स्टेशन का भी निर्माण किया जायेगा. हाइब्रिड माॅडल एसटीपी के प्रभावी रूप से दीर्घावधि तक कार्यरत रहने के लिए निजी लोक भागीदारी का सुगम माध्यम है. दामोदर नदी के पानी की गुणवत्ता बढ़ाने, प्रदूषण कम करने और क्षेत्र में इकोलाॅजिकल गतिविधियां बढ़ाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं. समझौते पर हस्ताक्षर के दौरान एनएमसीजी के डीजी राजीव कुमार मित्तल, डीडीजी नलिन कुमार श्रीवास्तव, इडी ब्रिजेंद्र स्वरूप, सूडा के निदेशक अमित कुमार, जुडको के पीडीटी गोपालजी, डीजीएम आलोक कुमार व प्रोजेक्ट मैनेजर राधाकांत सिंह उपस्थित थे.
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