रांची : रांची विवि पीएचडी प्रवेश परीक्षाफल के बाद बची हुई 429 सीटों के अलावा अन्य विभागों द्वारा उपलब्ध करायी गयी सीट पर जनवरी में ही परीक्षा ली जायेगी. इसके अलावा परीक्षा शुल्क में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी को वापस लिया जायेगा. परीक्षा शुल्क 600 रुपये की जगह 500 रुपये लिये जायेंगे. इस पर अभाविप के सदस्यों तथा रांची विवि के कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा के बीच हुई वार्ता में सहमति बनी है. वार्ता में यह भी सहमति बनी कि आउटसोर्सिंग कंपनी से काम लेने के मामले में 10 दिनों में अधिकारियों के साथ बैठक कर छात्र हित में निर्णय लिया जायेगा.
कुलपति ने वार्ता यह भी आश्वासन दिया कि एक सप्ताह में सेवानिवृत्त शिक्षकों और कर्मचारियों की सूची बनाकर हटाया जायेगा तथा रिक्त स्थानों पर 48 घंटे में विज्ञापन निकाल कर भरने की प्रक्रिया पूरी की जायेगी. परिषद के सदस्यों के आग्रह पर कुलपति ने मांडर कॉलेज के प्राचार्य व बर्सर को हटाने की भी कार्रवाई की, जबकि वार्ता के क्रम में खेल गतिविधि को बढ़ाने के लिए कुलपति ने कहा कि डेढ़ लाख रुपये तक सभी कॉलेजों के प्राचार्य खेल सामग्री खरीद सकते हैं. इसके लिए प्रक्रिया की जा रही है. उन्होंने कहा कि सभी कॉलेजों में शीघ्र ही कोच और खेल विभाग को दुरुस्त किया जायेगा. वार्ता के बाद परिषद के सदस्यों ने कुलपति से कहा कि 10 दिनों में अगर सभी मांगों पर अधिसूचना जारी नहीं होती है, तो पुन: तालाबंदी की जायेगी और आंदोलन चलाया जायेगा.
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परिषद की तरफ से वार्ता में प्रदेश मीडिया संयोजक दुर्गेश यादव, रांची विवि संयोजक शिवेंद्र सौरभ, महानगर संगठन मंत्री अभिनव जीत, प्रदेश कार्यालय सह मंत्री विद्यानंद राय, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रोहित शेखर, महानगर मंत्री ऋतुराज शाहदेव और महानगर सह मंत्री अमन साहू उपस्थित थे. वहीं विवि की तरफ से रजिस्ट्रार विनोद नारायण, प्रॉक्टर डॉ एमसी मेहता और कुलपति की ओएसडी डॉ स्मृति सिंह सहित अन्य उपस्थित थे.
इससे पूर्व विद्यार्थी परिषद के सदस्यों ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम परिसर चलो के तहत सभी अंगीभूत कॉलेजों में विवि व कुलपति का पुतला दहन किया. वह विवि और कॉलेजों में शैक्षणिक समस्याओं को दूर करने, एनसीसीएफ को हटाने, पीएचडी प्रवेश परीक्षा में गड़बड़ी दूर करने, बची सीटों पर परीक्षा लेने और परीक्षा शुल्क घटाने की मांग कर रहे थे.