20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Jharkhand News:रांची के रानी चिल्ड्रेन अस्पताल में 4 साल के बच्चे की मौत पर हंगामा, परिजनों ने की ये मांग

Jharkhand News: मृतक के परिजनों ने मेडिकल बोर्ड गठित करने की मांग की है, ताकि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और उन्हें न्याय मिल सके. हंगामा की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और आक्रोशित परिजनों को शांत कराया.

Jharkhand News: झारखंड की राजधानी रांची के रानी चिल्ड्रेन अस्पताल में आज सोमवार की सुबह करीब तीन बजे हजारीबाग के रहने वाले चार वर्षीय सक्षम पांडे की इलाज के दौरान मौत हो गयी. मौत से परिजन आक्रोशित हो गये और अस्पताल प्रबंधन पर इलाज में घोर लापरवाही बरतने का आरोप लगाकर हंगामा किया. परिजनों ने मेडिकल बोर्ड गठित करने की मांग की है, ताकि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और उन्हें न्याय मिल सके. हंगामा की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और आक्रोशित परिजनों को शांत कराया. उन्हें आश्वस्त कराया कि इस मामले में उनके साथ न्याय होगा. दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. इधर, अस्पताल के संचालक डॉ राजेश कुमार ने कहा कि मरीज की स्थिति भर्ती होते समय ही गंभीर थी, जिसकी जानकारी परिजनों को दी गयी थी.

मना करने के बावजूद डॉक्टर देते रहे इंजेक्शन

हजारीबाग निवासी परिजनों की मानें, तो 16 मार्च को चार साल के सक्षम पांडे को बुखार आया था. डॉक्टर मनोज जैन से स्थानीय स्तर पर उसका इलाज कराया गया था. स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर 18 मार्च को उसे रांची के रानी चिल्ड्रेन अस्पताल में भर्ती कराया गया था. डॉक्टरों ने बताया कि बच्चा पोलियोग्रस्त है. इस कारण हाथ सही से काम नहीं कर पा रहा है. इसके लिए प्रति 16 हजार रुपये वाली छह इंजेक्शन लगाने की सलाह दी गयी. परिजन बताते हैं कि इंजेक्शन देने का समय अंतराल 48 से 60 घंटे था, लेकिन सभी इंजेक्शन छह घंटे के अंदर दे दी गयी. इसकी वजह से बच्चे की मौत हो गयी है. मना करने के बावजूद इंजेक्शन देते रहे और बच्चे ने अचानक दम तोड़ दिया.

Also Read: Jharkhand News: झारखंड में महुआ चुनने को लेकर दो पक्ष आपसे में भिड़े, मारपीट में एक व्यक्ति की हुई मौत

5 लाख खर्च के बाद भी बच्चे को खो दिया

मृतक के परिजनों ने कहा कि बेहतर इलाज के लिए वे हजारीबाग से रांची आये थे, लेकिन इलाज में घोर लापरवाही बरती गयी और बच्चे की मौत हो गयी. उन्होंने मेडिकल बोर्ड गठित करने की मांग की है, ताकि निष्पक्ष जांच की जा सके और उन्हें न्याय मिल सके. उन्होंने कहा कि महज 10 दिनों में करीब 5 लाख रुपये खर्च हुए हैं. इसके बावजूद उनका बच्चा उनकी आंखों के सामने मर गया. इलाज में अस्पताल प्रबंधन द्वारा घोर लापरवाही बरती गयी है.

Also Read: Jharkhand Weather Forecast:झारखंड में धूप का दिखेगा तेवर, कब से चलेगी लू, बच्चों-बुजुर्गों को ज्यादा खतरा

अस्पताल प्रबंधन ने क्या कहा

इधर, अस्पताल के संचालक डॉ राजेश कुमार ने बताया कि मरीज की स्थिति भर्ती होते समय ही गंभीर थी, जिसकी जानकारी परिजनों को दी गयी थी. परिजनों का आरोप पूरी तरह से निराधार है. उनके द्वारा जो लिखकर दिया गया है, उसमें भी फेरबदल किया गया है.

Also Read: बाबा मंदिर में गंवाली पूजा की हुई शुरुआत, अब अगले तीन दिनों तक स्थानीय लोग नहीं छोड़ सकेंगे शहर

रिपोर्ट: राजीव पांडेय

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें