रांची (संवाददाता). भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सरकार पर राज्य के प्रतिष्ठित निजी शिक्षण संस्थाओं को टारगेट करने का आरोप लगाया है. भाजपा ने कहा कि जिस तरीके से शिक्षण संस्थानों में छापेमारी हो रही है, उससे स्पष्ट है कि राज्य सरकार अपनी हार से बदहवास होकर किसी भी हद तक नीचे गिर जा रही है. यह राज्य सरकार द्वारा शिक्षण संस्थानों में आतंक का राज्य स्थापित करने की कोशिश है. हेमंत सरकार को तब मुंह की खानी पड़ी, जब सरला बिरला स्कूल और विश्वविद्यालय से चुनाव से संबंधित ना नकद बरामद हुए ना कोई दस्तावेज. प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने पत्रकारों से शुक्रवार को कहा कि जिस तरीके से प्रतिष्ठित सरला बिरला स्कूल और विश्वविद्यालय और उषा मार्टिन विश्वविद्यालय में राज्य पुलिस ने सरकार के इशारे पर छापेमारी की यह अति निंदनीय है. सरला बिरला समूह 1913 से राज्य में अपनी सेवा दे रहा है. शुरुआत अस्पताल से हुई थी. अब यह एक राज्य का अति प्रतिष्ठित स्कूल और निजी विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित हो गया है. सिर्फ सरला बिरला शिक्षण संस्थानों में 1041 लोग नौकरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं. 12000 बच्चों को उच्च स्तरीय शिक्षा मिलती है. इस तरह हिमाद्री ग्रुप द्वारा संचालित उषा मार्टिन विश्वविद्यालय में भी हजारों बच्चों को उच्च कोटि की शिक्षा मिलती है. राज्य पुलिस द्वारा इन संस्थाओं को टारगेट करना यह दिखाता है कि राज्य सरकार शिक्षण व्यवस्था को पंगु बनाना चाहती है. प्रतुल ने कहा कि आज से 15 दिन पहले झामुमो के प्रवक्ता ने प्रेस वार्ता में नामकुम व टाटीसिल्वे में स्थित इन विश्वविद्यालयों पर राजनीतिक टिप्पणी की थी और आज पुलिस का रेड पड़ गया. साफ दिख रहा है कि पुलिस झामुमो के इशारे पर चल रही है. कुछ अधिकारी इस सरकार में टूल किट बनकर काम कर रहे हैं. राज्य सरकार की खुद की शिक्षा व्यवस्था वेंटिलेटर पर है. 96% मिडिल स्कूल में पूर्णकालिक हेडमास्टर नहीं हैं. मिडिल, प्राइमरी और हाई स्कूल के कुल 68% शिक्षकों की नियुक्ति अब तक नहीं हुई है. 65,000 पारा शिक्षक अपने अधिकार को लेकर सड़कों पर हैं. इसके बावजूद विपरीत परिस्थितियों में भी जो निजी शिक्षण संस्थान अच्छा कार्य कर रहे हैं, उनको यह सरकार टारगेट कर रही है प्रतुल ने कहा कि राज्य सरकार ने सरला बिरला विश्वविद्यालय में छापेमारी के दौरान सभी सीमाएं पार कर दी. सुरक्षाकर्मियों और कर्मचारियों के साथ बदसलूकी की गयी. कोई सर्च वारंट नहीं दिखाया गया. चुनाव आयोग से प्राप्त कोई निर्देश की कॉपी नहीं दिखायी गयी. रेड करने गये अधिकारियों ने कहा कि एसएसपी के मौखिक आदेश पर रेड हो रहा है. राज्य सरकार और राज्य पुलिस ने उस समय प्रदेश को शर्मसार किया जब वह बिना नामजद वारंट के प्रसिद्ध शिक्षाविद प्रो डॉ गोपाल पाठक के आवास में घुस गये. प्रो पाठक के आवास में भी स्टाफ के साथ बदसलूकी की गयी. मौके पर तारिक इमरान भी उपस्थित थे.
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