रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने साफ कर दिया है कि सरकार फिलहाल लॉकडाउन में ढील देने के पक्ष में नहीं है. एक निजी चैनल को दिये गये साक्षात्कार में सीएम ने स्पष्ट कहा है कि रमजान के महीने में लॉकडाउन में छूट देने से कोरोना संक्रमण की स्थिति खराब हो सकती है. लोग अचानक घर से बाहर निकल पड़ेंगे और भीड़ बढ़ेगी.
इससे संक्रमण नियंत्रण के प्रयास पर प्रतिकूल असर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान ही राज्य में सरहुल और रामनवमी के त्योहार भी आये थे, पर लॉकडाउन में कोई छूट नहीं दी गयी थी. सरकार ने अभी नहीं दी है कोई छूट सीएम ने कहा कि राज्य में लॉकडाउन में छूट कैसे और किस तरह दी जाये, इस पर अधिकारी काम कर रहे हैं. केंद्र सरकार के जो भी निर्देश मिलते हैं, उसका पालन करते हैं, लेकिन हमने अभी भी राज्य में लॉकडाउन में किसी भी तरह की छूट नहीं दी है.
कोरोना नियंत्रण करने के लिए ही ऐसा किया गया है. केस की स्थिति देखते हुए निर्णय लेंगे सीएम ने कहा कि हमारे राज्य में तेजी से प्रवासी आ रहे हैं. इनमें कई लोगों में संक्रमण मिला भी है. अब केस की स्थिति को देखते हुए ही राज्य सरकार कोई निर्णय लेगी. उन्होंने कहा कि हालांकि कोरोना संक्रमित मरीजों के ठीक होने की दर 50 प्रतिशत है, फिर भी छूट देने का यह उचित समय नहीं लग रहा है. सीएम ने कहा कि सरकार प्रवासियों को देख रही है, क्योंकि राज्य में प्रवासी मजदूरों की वापसी उतनी नहीं हुई है, जितनी अपेक्षित है.
पहले ही कहा था : श्रमिक आयेंगे, तो मुसीबतें बढ़ेंगी सीएम ने कहा कि पर्याप्त संख्या में प्रवासी श्रमिकों के लौट आने के बाद ही कोरोना संक्रमण का आकलन करके लॉकडाउन में छूट पर निर्णय लिया जा सकेगा. सीएम ने कहा कि वह पहले ही कह चुके हैं कि हमारी मुसीबतें तब बढ़ेंगी, जब श्रमिक वापस आयेंगे. सीएम कहा है कि देश के रेड जोन दिल्ली, सूरत, महाराष्ट्र और पंजाब से लौट रहे प्रवासी लोगों को सरकारी क्वारेंटाइन सेंटर में ही रखा जायेगा. हर पंचायत, हर जिला और सभी ब्लॉक में सरकारी क्वारेंटाइन की व्यवस्था की गयी है. सोशल पुलिसिंग को एक्टिव कर रखा है. सीएम ने कहा कि वह लेबर लॉ में बदलाव या मजदूरों से 12 घंटे काम लेने के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा कि राज्य को अपना राजस्व बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के कर वसूलने का अधिकार मिलना चाहिए, ताकि एक-एक रुपया के लिए केंद्र सरकार पर निर्भर नहीं रहना पड़े.