वरीय संवाददाता, रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने हजारीबाग जिला के चौपारण थाना क्षेत्र निवासी फांसी के सजायाफ्ता आनंद कुमार दांगी की क्रिमिनल अपील और राज्य सरकार की अपील याचिका पर फैसला सुनाया. जस्टिस आनंद सेन व जस्टिस गाैतम कुमार चाैधरी की खंडपीठ ने क्रिमिनल अपील याचिका को स्वीकार करते हुए फांसी की सजा को निरस्त कर दिया. अपीलकर्ता आनंद कुमार दांगी को साक्ष्य के अभाव में रिहा करने का आदेश दिया. साथ ही राज्य सरकार की अपील को खारिज कर दिया. हजारीबाग की निचली अदालत ने सितंबर 2023 में पत्नी व बच्ची की हत्या मामले में दोषी पाने के बाद आरोपी आनंद कुमार दांगी को फांसी की सजा सुनायी थी. हाइकोर्ट में क्रिमिनल अपील याचिका दायर कर फांसी की सजा को चुनाैती दी गयी थी. आरोप है कि आनंद कुमार दांगी ने वर्ष 2018 में पत्नी की धारदार हथियार से हत्या कर दी थी. उसने घर में सो रही डेढ़ साल की बच्ची को भी कुएं में फेंक दिया था. आरोपी पति ने हत्या से ठीक पहले पत्नी से शारीरिक संबंध भी बनाया था. जांच में पाया गया कि उसकी पत्नी गर्भवती थी. वर्ष 2018 में पुलिस ने अंगिरा कुमारी के पिता प्रीतम दांगी के बयान पर पति आनंद कुमार दांगी के खिलाफ चौपारण थाना में कांड संख्या-312/ 2018 के तहत प्राथमिकी दर्ज की. बताया जाता है कि अंगिरा कुमारी की शादी वर्ष 2014 में आनंद कुमार दांगी के साथ हुई थी. पुलिस ने जांच में पाया था कि आनंद कुमार दांगी का किसी दूसरी महिला के साथ अवैध संबंध था. वह पत्नी व बच्ची को रास्ते से हटाना चाहता था. आरोपी ट्रक पर खलासी का काम करता था. उसने पत्नी को एक कुएं के पास बुला कर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया तथा बाद में उसकी हत्या धारदार हथियार से कर दी. इसके बाद लाश को कुएं में फेंक दिया. जब उसकी बेटी वहां पहुंची, तो उसे भी मार कर कुआं में डाल दिया तथा फरार हो गया था. पुलिस ने हथियार भी जब्त कर लिया था.
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