आलोक सिंह, रांची :
कांके रोड स्थित वृंदावन अपार्टमेंट में रहनेवाले ब्रिगेडियर निलेश आनंद पगुलवार को ‘विशिष्ट सेवा मेडल’ से सम्मानित किया जायेगा. गणतंत्र दिवस पर नयी दिल्ली में आयोजित होनेवाले समारोह के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इन्हें सम्मानित करेंगी. मूल रूप से बिहार के दरभंगा के पिंडारुच गांव के रहनेवाले बिग्रेडियर निलेश एनडीए 1995 बैच से पासआउट हैं. एनडीए (खड़गवासला, पुणे) से पासआउट होने के बाद इनका चयन इंडियन मिलिट्री एकेडमी, देहरादून में हुआ. यहां से पासआउट होने के बाद इनकी तैनाती 8-असम रेजिमेंट में हुई. वर्तमान में वे शिलांग में तैनात हैं.
ब्लैक कमांडो के प्रशिक्षण में गोल्ड मेडलिस्ट रह चुके ब्रिगेडियर निलेश के नाम कई उपलब्धियां दर्ज हैं. इन्होंने कारगिल युद्ध में भी अहम भूमिका निभायी थी. इसके अलावा कश्मीर के बारामूला में छह आतंकियों को अभियान के दौरान मार गिराया था. आतंकियों के साथ हुई उस मुठभेड़ में ब्रिग्रेडियर निलेश भी गंभीर रूप से जख्मी हुए थे. इन्हें कई गोलियां लगी थीं. वहीं, असम में उल्फा उग्रवादियों से हुई मुठभेड़ में भी ये घायल हुए थे. हालांकि, इन्होंने कई उग्रवादियों को ढेर कर दिया था. इनके पराक्रम के लिए इन्हें वर्ष 2005 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने ‘शौर्य चक्र’ से सम्मानित किया था. जबकि इन्हें वर्ष 2004 में ‘सेना मेडल’ से भी नवाजा जा चुका है.
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ब्रिगेडियर निलेश की बहन डॉ संगीता झा ने बताया कि निलेश की आरंभिक शिक्षा-दीक्षा सैनिक स्कूल तिलैया (कोडरमा) से हुई है. यहां 12वीं तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद इनका चयन एनडीए में हो गया था. इनके पिता दिवंगत नमोनाथ झा बिहार में खनन एवं भूतत्व विभाग के निदेशक थे. मां का नाम रुना झा है. वहीं, छोटे भाई डॉ दिबेश आनंद लंदन की यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्ट मिनिस्टर में प्रो वीसी हैं. डॉ संगीता झा स्वयं राजधानी की जानी मानी रेडियोलॉजिस्ट हैं, जबकि दूसरी बहन नूतन महाराष्ट्र के अहमदनगर में सैनिक स्कूल की प्राचार्य हैं.
ब्रिगेडियर निलेश के नाम सबसे अहम उपलब्धि ‘अग्निवीर’ की भर्ती परीक्षा के आयोजन की है. देश भर में हुई अग्निवीर भर्ती परीक्षा की जिम्मेदारी निलेश को ही सौंपी गयी थी, जिसका इन्होंने सफल संचालन भी किया.