रांची : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गणतंत्र दिवस-2024 के अवसर पर झारखंड के दो आइपीएस अधिकारियों सहित कुल 36 पुलिस पदाधिकारियों व कर्मियों को पुलिस पदक से नवाजा है. इनमें 23 पुलिस पदाधिकारी व कर्मियों को वीरता पदक, 12 पुलिस पदाधिकारी व कर्मियों को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक और एक पुलिस अफसर को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है. इस संबंध में गृह विभाग की ओर से अधिसूचना जारी की गयी है.
आइजी होमकर सहित 12 को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक :
आइजी अभियान अमोल वीणुकांत होमकर, डीएसपी मो परवेज आलम, दारोगा तारामणि टेटे, एएसआइ भीम लाल महतो, एएसआइ एतवा उरांव, हवलदार संतोष कुमार, हवलदार अनिल दास, हवलदार जीवन ज्योतिष तिर्की, हवलदार राम बहादुर, हवलदार सिलवेस्टर केरकेट्टा, हवलदार चक्रधर कुमार महतो व आरक्षी कविता विवेक.
जगुआर के दारोगा का विशिष्ट सेवा पदक :
झारखंड जगुआर के दारोगा अमीर तांती को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है.
23 को मिला वीरता पुलिस पदक :
एसपी ऋषभ झा (रेल एसपी जमशेदपुर) , एएसपी बृजेन्द्र कुमार मिश्रा, अनुराग राज, अपर पुलिस अधीक्षक, डीएसपी दीपक कुमार, डीएसपी ओमप्रकाश तिवारी, इंस्पेक्टर दिग्विजय सिंह, इंस्पेक्टर राजीव कुमार, दारोगा रौशन कुमार सिंह. दारोगा सदानंद, दारोगा विक्रांत कुमार, हवलदार फबियानुस तिर्की, हवलदार नारायण मांझी, हवलदार अमित कुमार, आरक्षी अनिल उरांव, आरक्षी बाबूराम बास्की. आरक्षी याकूब सुरीन. आरक्षी अशोक कुमार. आरक्षी रंजीत कुमार. आरक्षी मो असगर अली. आरक्षी शेख सिकंदर. आरक्षी अनूप लकड़ा, आरक्षी कृष्णा उरांव और आरक्षी विनय टेटे.
केस एक :
गुमला के कामडारा में पीएलएफआइ उग्रवादियों के साथ हुआ था मुठभेड़ :
24 सितंबर 2019 को गुमला जिला के कमडारा थाना क्षेत्र में पुलिस व उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. इसमें तत्कालीन एसडीपीओ ऋषभ कुमार झा (आइपीएस), एएसपी अनुराग राज, डीएसपी दीपक कुमार, दारोगा सदानंद सिंह, आरक्षी याकूब सुरीन और आरक्षी अशोक कुमार ने अदम्य साहस व वीरता का परिचय देते हुए पीएलएफआइ उग्रवादियों को मुठभेड़ में करारा जवाब दिया.इसमें 10 लाख का इनामी उग्रवादी गुजू गोप, विष्णु सिंह व समीर कंडुलना मारा गया. जबकि 10 लाख का एक और इनामी उग्रवादी संतोष यादव गिरफ्तार हुआ था. भारी मात्रा में हथियार व गोली बरामद भी बरामद हुआ था.
केस : दो
गुमला के बिशुनपुर में माओवादी मुठभेड़ में मिली थी सफलता :
गुमला के बिशुनपुर थाना क्षेत्र में एक अप्रैल 2020 को पुलिस व माओवादी के रविंद्र गंझू दस्ते के साथ मुठभेड़ हुई थी. इसमें दो लाख का इनामी माओवादी एरिया कमांडर दीनू उरांव मारा गया. उक्त घटना में गुमला जिला के एएसपी बृजेन्द्र कुमार मिश्रा, आरक्षी असगर अली, आरक्षी रंजीत कुमार व आरक्षी शेख सिकंदर ने अदम्य साहस व वीरता का परिचय दिया था.
केस : तीन
खूंटी में मारा गया था 10 लाख का इनामी शनिचर सुरीन :
चाईबासा के गुदरी थाना क्षेत्र अंतर्गत जंगली पहाड़ी इलाके में खूंटी पुलिस व पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप दस्ते के साथ मुठभेड़ हुई थी. इसमें 10 लाख इनामी उग्रवादी शनिचर सुरीन मारा गया था. उक्त उग्रवादी के खिलाफ खूंटी, चाईबासा व गुमला जिला में 84 केस दर्ज था. मुठभेड़ में खूंटी के डीएसपी ओमप्रकाश तिवारी, इंस्पेक्टर दिग्विजय सिंह, दारोगा रोशन कुमार सिंह व आरक्षी अनूप लकड़ा ने अदम्य साहस व वीरता का प्रदर्शन किया था.
केस : चार :
मारा गया था पांच लाख का इनामी लाका पाहन :
खूंटी के मुरहू थाना क्षेत्र में पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में पांच लाख का इनामी उग्रवादी लाका पाहन मारा गया था. इसके विरुद्ध खूंटी, चाईबासा व रांची जिला में 61 केस दर्ज है. उक्त घटना में दारोगा विक्रांत कुमार, हवलदार फबियानुस तिर्की, हवलदार नारायण मांझी, हवलदार अमित कुमार, आरक्षी अनिल उरांव व आरक्षी बाबूराम बास्की ने अदम्य साहस एवं वीरता का परिचय दिया था.
केस : पांच
नगड़ी में उग्रवादी पुनित उरांव मारा गया था :
रांची के नगड़ी थाना क्षेत्र में पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में पीएलएफआइ उग्रवादी पुनित उरांव उर्फ पुनई उरांव मारा गया था. इस घटना में इंस्पेक्टर राजीव कुमार, आरक्षी कृष्णा उरांव व आरक्षी विनय टेटे ने अदम्य साहस व वीरता का परिचय दिया था.