रांची. रिम्स के पेइंग वार्ड (100 कमरे) को पूर्ण रूप से संचालित करने की तैयारी अंतिम चरण में है. बिल्डिंग के कमरों को दुरुस्त किया जा रहा है. छह साल से बिल्डिंग के कई कमरों का उपयोग नहीं होने से कुछ कमरों में बिजली और पानी की समस्या हो गयी है. इसे दुरुस्त कराया जा रहा है. उम्मीद है कि जुलाई के मध्य तक समस्याएं दूर कर संचालन के लिए तैयार कर लिया जायेगा.
इधर, पेइंग वार्ड के लिए अलग से डॉक्टर, नर्स और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति की प्रक्रिया भी चल रही है. उम्मीद है कि जुलाई में होने वाले साक्षात्कार में डॉक्टर की कमी दूर हो जायेगी. इसके बाद नर्स और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को आउटसोर्सिंग से बहाल किया जायेगा. ज्ञात हो कि जुलाई 2018 में पेइंग वार्ड का उदघाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री ने किया था. उस समय प्रथम तल्ला के 40 कमरों की सेवाएं शुरू की गयी थीं. एक कमरा के लिए 1,000 रुपये प्रतिदिन चार्ज तय किया गया था. इसमें डॉक्टर विजिट चार्ज, नर्सिंग सेवा और खाने का चार्ज शामिल है. हालांकि, अभी तक प्रथम तल्ला में वीआइपी कैदी और मरीजों का इलाज ही हो पाया. अन्य किसी फ्लोर का उपयोग नहीं हो पाया.बोले अधिकारी
पेइंग वार्ड को संचालित करने के लिए जिन कमरों की स्थिति खराब है, उसे दुरुस्त किया जा रहा है. बिजली और पानी की समस्या कुछ कमरों में है. उसे दूर किया जा रहा है. डॉक्टर और मैनपावर की कमी भी दूर करने की प्रक्रिया चल रही है.डॉ हिरेंद्र बिरुआ, अधीक्षक, रिम्सडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है