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रिम्स पीजी के छात्र का निधन, पिता ने दर्ज करायी हत्या की प्राथमिकी

विद्यार्थी समुचित सुरक्षा और हॉस्टल में सीसीटीवी कैमरा लगाने की मांग कर रहे थे. मृतक छात्र के परिजन को पांच लाख रुपये तक मुआवजा देने की मांग कर रहे थे. निदेशक डॉ राजीव ने शीघ्र सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया.

वरीय संवाददाता, रांची : रिम्स में पीजी के छात्र डॉ मधन कुमार की मौत के मामले में उनके पिता की शिकायत पर बरियातू थाना में हत्या का मामला दर्ज किया गया. पुलिस पोस्टमार्टम और एफएसएल रिपोर्ट का इंतजार कर रही है. पिता ने आवेदन में कहा है कि मौत को लेकर कई चीजें संदिग्ध हैं, जिससे लगता है कि पुत्र की मौत के पीछे कोई साजिश है. उन्होंने उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. इधर, सिटी एसपी के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया है. बरियातू पुलिस ने रिम्स को पोस्टमार्टम के बाद विसरा, हार्ट ब्लड पंक्चर, बोन सिरम और बर्न क्लॉथ ऑफ बॉडी को सुरक्षित रखने का निर्देश दिया है. ज्ञात हो कि डॉ मधन रिम्स में फॉरेंसिक मेडिसिन एंड टेक्सोकोलॉजी (एफएमटी) के सेकेंड इयर के पीजी स्टूडेंट थे. वह मूल रूप से तमिलनाडु स्थित पालाकट्टू सलाई नमक्कल के रहनेवाले थे. गुरुवार की सुबह करीब 5.40 बजे उनका शव जली अवस्था में हॉस्टल के पीछे से मिला था. तब यह बात सामने आयी थी कि शरीर में आग लगाने के बाद हॉस्टल की छत से नीचे कूद उन्होंने जान दे दी थी. इसके बाद पुलिस ने मामले जांच शुरू की. पुलिस आगे की कार्रवाई के लिए मृतक के परिजनों के आने का इंतजार कर रहे थे.

मेरा बेटा आत्महत्या नहीं कर सकता

डॉ मधन की मौत की खबर सुन शुक्रवार को उनके पिता मथिया अलगन और परिवार के अन्य सदस्य रांची पहुंचे. राजभवन की ओर से डॉ मधन के पिता को वाहन उपलब्ध कराया गया था. वह पहले बरियातू थाना पहुंचे. इसके बाद उन्हें रिम्स के मर्चरी में रखे गये डॉ मधन का शव दिखाया गया. इकलौते बेटे का शव देख पिता बेसुध हो गये. वह लगातार रो रहे थे. मृतक के पिता एक ही बात कह रहे थे कि उनका बेटा इतनी भयानक मौत कैसे मर सकता है. वह आत्महत्या नहीं कर सकता है. डॉ मधन के पिता हॉस्टल नंबर पांच के उस कमरे में भी गये, जहां पुत्र रहता था. कमरे के अंदर जाते ही वह रो पड़े. उसके समान को गले से लगा कर काफी देर तक रोते रहे.

अपने ही सहकर्मी का पोस्टमार्टम करने में दिल कांप गया

रिम्स के पीजी छात्र डॉ मधन कुमार एम के चाचा जे वसंथा कुमार के आने के बाद उनका फर्द बयान मजिस्ट्रेट के समक्ष लिया गया. बयान के बाद मेडिकल बोर्ड ने पाेस्टमार्टम किया. बोर्ड में फोरेंसिक मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ सीएस प्रसाद, डॉ सावन मुंडरी, मेडिसीन, सर्जरी, पैथोलॉजी के डॉक्टर शामिल थे. डॉ मधन फोरेंसिक मेडिसिन मेें दो साल से कार्यरत थे. डॉ सावन मुंडरी ने बताया कि अपने सहयोगी के शव का पोस्टमार्टम करने में उनका दिल कांप गया. दो साल में उनके साथ बिताये गये हर पल याद आ रहे थे. शव देख मन विचलित हो रहा था. डॉ सावन मुंडरी ने कहा कि वह काफी मृदुभाषी थे. घटना को लेकर पोस्टमार्टम विभाग के सभी कर्मचारी उदास थे. पोस्टमार्टम के बाद शव पर रासायनिक लेप किया गया था. शाम में परिजन शव लेकर तमिलनाडु चले गये.

विद्यार्थियों ने निदेशक को घेरा, डीन स्टूडेंट वेलफेयर को हटाने की मांग

एफएमटी के पीजी स्टूडेंट डॉ मधन कुमार एम की मौत के विरोध में विद्यार्थियों ने निदेशक डॉ राजीव कुमार गुप्ता का घेराव किया. करीब 400 की संख्या में विद्यार्थी निदेशक के कार्यालय पहुंचे. विद्यार्थियों ने कहा कि वर्तमान डीन स्टूडेंट एंड वेलफेयर डॉ शिव प्रिये मनमानी कर रहे हैं. विद्यार्थियों का कहना था कि उनके खेलने के सामान हटा दिये गये हैं. कई पाबंदियां भी लगा दी है. सभी उन्हें हटाने की मांग कर रहे थे. विद्यार्थी समुचित सुरक्षा और हॉस्टल में सीसीटीवी कैमरा लगाने की मांग कर रहे थे. मृतक छात्र के परिजन को पांच लाख रुपये तक मुआवजा देने की मांग कर रहे थे. निदेशक डॉ राजीव ने शीघ्र सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया. इधर, रिम्स के पीजी और एमबीबीएस विद्यार्थियों ने जेडीए के बैनर तले कैंडल मार्च निकाला. कैंडल मार्च राजेंद्र चौक से मेडिकल चौक, सेंट्रल इमरजेंसी होते हुए राजेंद्र पार्क आकर समाप्त हुआ.

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