रांची. रिम्स में चार एक्स-रे मशीन पर सैकड़ों मरीजों की जांच का बोझ है. इसमें से दो मशीनें अक्सर खराब रहती हैं. वहीं, अल्ट्रासाउंड की सीमित मशीन है, जिससे मरीजों को परेशानी होती है. इसके अलावा एमआरआइ मशीन रिम्स के पास नहीं है, जिस कारण मरीजों को निजी लैब में जाना पड़ता है. निविदा की प्रक्रिया पूरी होने पर भी रिम्स कंपनियों को आदेश पत्र नहीं भेज पा रहा है, क्योंकि आचार संहिता लगी हुई है. 25 नवंबर के बाद रिम्स सभी कंपनियों को उपकरणों की डिलिवरी करने के लिए पत्र भेजना शुरू करेगा. एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड और एमआरआइ की नयी मशीनों के आने से मरीजों को राहत मिलने की उम्मीद है.
एबीजी और सेंट्रल लैब की मशीनें भी आयेंगी
रिम्स में दर्जनों एबीजी मशीन की आवश्यकता है, जिसकी खरीद की निविदा पूरी कर ली गयी है. वहीं, सेंट्रल लैब के लिए भी मशीनें दिसंबर के प्रथम सप्ताह में मंगा ली जायेंगी. इससे सभी प्रकार की जांच 24 घंटे उपलब्ध होगी. इसका भी फायदा मरीजों को मिलेगा.
डॉक्टरों की पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी, साक्षात्कार
शीघ्र
रिम्स के विभिन्न विभागों में सेवा दे रहे डॉक्टरों की पदोन्नति की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जायेगी. प्रबंधन द्वारा इसके लिए विभागवार सूची तैयार कर ली गयी है. साक्षात्कार के बाद डॉक्टर असिस्टेंट से एसोसिएट और एसोसिएट से एडिशनल प्रोफेसर के रूप में पदोन्नत हो जायेंगे. हालांकि प्रबंधन पदाेन्नति की प्रक्रिया में पूरी सावधानी बरत रहा है.
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