रांची : रिम्स के रेडियोथेरेपी विभाग में जल्द ही लीनियर एक्सीलेटर मशीन से कैंसर मरीजों का इलाज शुरू होगा. इससे मरीजों को रेडिएशन से होने वाले साइड-इफेक्ट कम झेलने होंगे. यह मशीन सीधे कैंसरग्रस्त सेल्स को टारगेट करेगी, जिससे सामान्य सेल पर रेडिएशन का बुरा असर नहीं पड़ेगा. भारत सरकार की महत्वाकांक्षी कैंसर मुक्त भारत योजना के तहत रिम्स में कैंसर के इलाज के लिए लीनियर एक्सीलेटर, ब्रैकीथेरेपी, सीटी सिमुलेटर और उपचार के काम आने वाले उपकरणों की खरीद की जायेगी. केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराये गये फंड से तत्काल इन मशीनों के क्रय के लिए मंगलवार को एक बैठक बुलायी गयी.
बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की वरीय पदाधिकारी सरिता नायर ने की. इस दौरान टर्सरी कैंसर केयर की स्थापना के लिए उपलब्ध फंड से कैंसर के उपचार के लिए महत्वपूर्ण उपकरणों की खरीद पर सहमति बनी. बैठक में स्वास्थ्य विभाग के प्रतिनिधि डॉ लाल मांझी, रिम्स निदेशक प्रो (डॉ) राजीव कुमार गुप्ता, चिकित्सा अधीक्षक डॉ हीरेंद्र बिरुआ व अन्य वरीय अधिकारी मौजूद थे. बैठक में रिम्स के रेडियोथेरेपी विभाग उपकरणों के क्रय के लिए जेएमएचआइडीपीसीएल प्रोक्योरमेंट सेल को निविदा प्रकाशित करने का सुझाव दिया गया.
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लीनियर एक्सीलेटर मशीन से सीधे कैंसर ट्यूमर वाले हिस्से पर रेडिएशन डाला जाता है, जो दूसरे सेल को खत्म करने के बजाय केवल कैंसर सेल को खत्म करता है. इसमें दूसरी मशीनों के मुकाबले ज्यादा रेडिएशन निकलता है. इसी कारण इसे चलाने के दौरान रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट का होना जरूरी है.