राजीव पांडेय, रांची
रिम्स के नियोनेटोलॉजी विभाग में एक कलयुगी माता-पिता 19 दिन के प्री-मैच्योर नवजात को छोड़ कर भाग गये हैं. नवजात रेटिनोपैथी ऑफ प्रीमैच्योरिटी की समस्या से ग्रसित है. वह जिंदगी और मौत से जूझ रहा है. उसका वजन तेजी से घट रहा है. उसे लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है. फिलहाल, बच्चे की देखभाल नर्स और डॉक्टर कर रहे हैं. आंख के डॉक्टर से संपर्क कर नवजात की आंख की रोशनी बचाने की कोशिश भी चल रही है. वहीं, रिम्स प्रबंधन पुलिस के माध्यम से माता-पिता को ढूंढ़ने का प्रयास कर रहा है.
सूचना मिलने पर रिम्स अधीक्षक डॉ हिरेंद्र बिरुआ बुधवार को नियोनेटोलॉजी विंग पहुंचे और बच्चे के स्वास्थ्य की जानकारी ली. डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे का वजन घटकर एक किलो हो गया है. बच्चे को उसके माता-पिता ने 28 दिसंबर को शिशु विभाग के नियोनेटोलॉजी विंग में भर्ती कराया था. कुछ देर बाद जब नर्स और डॉक्टर ने दंपती की खाेजबीन की, तो वह नहीं मिले. काफी देर बाद भी जब माता-पिता नहीं आये, तो भर्ती कागज में दर्ज दोनों मोबाइल नंबर पर फोन किया गया, लेकिन बंद मिला. तब से अभी तक दोनों मोबाइल नंबर बंद आ रहा है.
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यह आंखों से जुड़ी एक समस्या है, जिसमें आंख के परदे की रक्त वाहिका सिकुड़ जाती है. जन्म के समय प्रीमैच्योर बच्चों को संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. समय पर इलाज नहीं हाेने से आंखों की रोशनी भी चली जाती है. समय पर इलाज मिले, तो रोशनी बचायी जा सकती है.
बच्चे की डिलिवरी खूंटी में हुई थी. प्री-मैच्योर और आंख की समस्या को देखते हुए वहां रिम्स रेफर किया गया. नवजात को माता-पिता 28 दिसंबर को भर्ती कराये थे, लेकिन इसके बाद से वह गायब हैं. बरियातू पुलिस के माध्यम से कुचाई पुलिस से संपर्क किया जा रहा है.
डॉ हिरेंद्र बिरुआ, अधीक्षक, रिम्स