रिम्स हॉस्टल और निदेशक आवास में उपद्रव मचाने वाले सीनियर और जूनियर डॉक्टरों को चिह्नित करने के लिए जांच टीम गठित की जायेगी. डीन स्टूडेंट एंड वेलफेयर कमेटी ने निदेशक डॉ राजीव गुप्ता से जांच टीम गठित करने का आग्रह किया है. कमेटी के डीन डॉ शिव प्रिये ने कहा कि विद्यार्थियों की इस हरकत से रिम्स की छवि खराब हुई है. ऐसे में दोषियों पर कार्रवाई जरूरी है.
इधर, हॉस्टल के वार्डन, डीन और प्रबंधन का कहना है कि आखिर मारपीट ने इतना बड़ा रूप कैसे ले लिया और हॉस्टल परिसर में 300 से ज्यादा विद्यार्थी रात को कैसे एकत्रित हो गये. यह चिंता का विषय है. वहीं, देर रात निदेशक आवास में विद्यार्थियों का हंगामा करना भी अनुशासनहीनता है. ऐसे में सीसीटीवी फुटेज भी निकाला जायेगा. जांच टीम में डीन, विभागाध्यक्ष और वार्डन को शामिल करने का आग्रह किया गया है. सूत्रों के अनुसार, मारपीट में जेडीए की संलिप्तता भी सामने आ रही है. क्योंकि, जेडीए पदाधिकारी भी उस समय मौजूद थे.
हॉस्टल खाली कराने के बाद स्टूडेंट वेलफेयर कमेटी और हॉस्टल के वार्डन ने निरीक्षण कर कई कमरों में अलग से ताला लगवाया. वहीं, जिन कमरों की कुंडी में दो ताला फिट नहीं हो रहा था, उसके लिए कुंडी की खरीदारी की गयी है. इसके बाद कुंडी लगा कमरों में ताला लगाया जायेगा.
इधर, रिम्स में सात जुलाई को हुई मारपीट के मामले में चिह्नित विद्यार्थियों को भी 15 दिन बाद अभिभावक और शपथ पत्र के साथ आने को कहा गया है. स्टूडेंट वेलफेयर कमेटी के डीन डॉ शिव प्रिये ने बताया कि हॉस्टल खाली करा दिया गया है. इसलिए 29 विद्यार्थियों को भी एक साथ अभिभावक और शपथ पत्र के साथ आने के लिए कहा गया है. पहले इन विद्यार्थियों को अभिभावक के साथ 21 जुलाई को बुलाया गया था.
स्वास्थ्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने कहा कि शैक्षणिक माहौल को बेहतर बनाने का निर्देश रिम्स प्रबंधन को दिया गया है. मारपीट की जांच का निर्देश भी दिया गया है. कुछ विद्यार्थी माहौल बिगाड़ रहे हैं. उन पर कार्रवाई की जायेगी.