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पढ़ाई पर कम, दूध-दही और मुर्गा-मछली पर ज्यादा खर्च, झारखंड का ग्रामीण परिवार का हर माह कितने रुपए में करता है जीवनयापन?

सांख्यिकी मंत्रालय ने ग्रामीण परिवारों द्वारा प्रतिमाह किए जानेवाले खर्च का आंकड़ा जारी किया है. झारखंड में ग्रामीण परिवार अपने जीवनयापन पर प्रतिमाह औसतन 2763 रुपए खर्च करता है.

रांची, शकील अख्तर-झारखंड और बिहार का ग्रामीण परिवार पढ़ाई से ज्यादा दूध-दही और मुर्गा-मछली पर खर्च करता है. झारखंड इस मामले में बिहार से एक कदम आगे है. झारखंड का ग्रामीण परिवार पान, बीड़ी, सिगरेट और शराब पर भी पढ़ाई से ज्यादा खर्च करते हैं. सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा ग्रामीण परिवार द्वारा प्रतिमाह विभिन्न वस्तुओं पर किये जाने औसत खर्च से संबंधित आंकड़ों से इस बात की जानकारी मिलती है. सांख्यिकी मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, झारखंड का ग्रामीण परिवार अपने जीवनयापन पर औसतन प्रतिमाह 2763 रुपये खर्च करता है. इसमें से वह खाद्य सामग्री जैसे- दाल, तेल, चीनी, नमक, सब्जी, मुर्गा, मछली, दूध, दही व अन्य पर 1336.74 रुपये खर्च करता है. इसके अलावा खाने-पीने की चीजों के अलावा दूसरी चीजों जैसे पान, बीड़ी, तंबाकू, शराब, दवा, कपड़ा, पढ़ाई व अन्य पर 1426.53 रुपये खर्च करता है. आंकड़ों के अनुसार, झारखंड का ग्रामीण परिवार दूध, दही, पनीर पर प्रतिमाह 147.29 रुपये और मुर्गा मछली पर 185.56 रुपये खर्च करता है. वहीं तंबाकू उत्पाद व शराब पर 100.33 रुपये खर्च करता है. हालांकि, शिक्षा पर प्रतिमाह औसत 83.72 रुपये खर्च करता है.

बिहार के ग्रामीण परिवार प्रतिमाह औसतन 3384.11 रुपये खर्च करता है


बिहार का ग्रामीण परिवार प्रतिमाह औसतन कुल 3384.11 रुपये खर्च करता है. बिहार का ग्रामीण परिवार अपने औसत मासिक खर्च में से 1812.18 रुपये खाने-पीने की चीजों और 1571.93 रुपये दूसरी चीजों पर खर्च करता है. बिहार का ग्रामीण परिवार दूध व उसके दूसरे उत्पाद पर प्रतिमाह 309.51 रुपये और मुर्गा-मछली पर 202.59 रुपये खर्च करता है. बिहार में लागू शराबबंदी की वजह से वहां का ग्रामीण परिवार तंबाकू उत्पाद पर प्रतिमाह औसतन सिर्फ 95.87 रुपये खर्च करता है. हालांकि, पान-बीड़ी के मुकाबले पढ़ाई पर 100.57 रुपये खर्च करता है. यानी बिहार का ग्रामीण परिवार झारखंड के मुकाबले शिक्षा पर ज्यादा खर्च करता है.

बंगाल में पान, बीड़ी, शराब पर झारखंड, बिहार से ज्यादा खर्च


पड़ोसी राज्य ओडिशा का ग्रामीण परिवार झारखंड के मुकाबले शिक्षा पर कम खर्च करता है, जबकि पश्चिम बंगाल का ग्रामीण परिवार थोड़ा ज्यादा खर्च करता है. बंगाल का ग्रामीण परिवार मुर्गा-मछली पर बिहार और झारखंड के मुकाबले ज्यादा खर्च करता है. बंगाल का ग्रामीण परिवार मुर्गा-मछली पर प्रतिमाह 312.64 रुपये खर्च करता है. लेकिन दूध-दही और पनीर के खर्च के मामले में बिहार से पिछड़ जाता है. बंगाल का ग्रामीण परिवार पान, बीड़ी, शराब पर झारखंड, बिहार से ज्यादा खर्च करता है. हालांकि, तंबाकू उत्पाद और शराब पर खर्च के मामले में बंगाल का ग्रामीण परिवार ओडिशा के ग्रामीण परिवार के मुकाबले कम खर्च करता है.

अन्य राज्यों के मुकाबले दोगुना खर्च करता है दिल्ली का ग्रामीण परिवार


दिल्ली के ग्रामीण परिवार के जीवन यापन का मासिक खर्च, ग्रामीण परिवार के अखिल भारतीय औसत से करीब दोगुना है. ग्रामीण परिवार के मासिक खर्च का अखिल भारतीय औसत 3773 रुपये है. जबकि, दिल्ली के ग्रामीण परिवार का औसत मासिक खर्च 6575.67 रुपये है. दिल्ली का ग्रामीण परिवार खाने-पीने की चीजों पर 2644.59 रुपये और दूसरे चीजों जैसे- पान, सिगरेट, शराब, शिक्षा, दवा, कपड़ा आदि पर 3931.08 रुपये खर्च करता है. दिल्ली का ग्रामीण परिवार भी तंबाकू उत्पाद और शराब के मुकाबले शिक्षा पर कम खर्च करता है.

विभिन्न राज्यों के ग्रामीण परिवारों द्वारा किया जाने वाला औसत मासिक खर्च(रुपये में)


राज्य—–दूध/दही/पनीर—–मुर्गा/मछली—–तंबाकू/शराब—–पढ़ाई
झारखंड—–147.29—–185.56—–100.23—–83.72
बिहार—–309.51—–202.59—–95.78—–100.57
ओडिशा—–96.60—–186.70—–125.88—–68.86
बंगाल—–122.51—–312.64—–111.84—–97.11
असम—–149.82—–371.59—–202.58—–60.90
उत्तराखंड—–427.30—–131.77—–272.19—–200.65
छत्तीसगढ़—–84.84—–102.47—–153.37—–36.87
उत्तर प्रदेश—–337.02—–99.42—–107.40—–11.26
दिल्ली—–813.31—–103.66—–354.03—–276.59

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