Jharkhand Mein Sarkari Naukri|सीटेट व अन्य राज्यों (पड़ोसी) से टेट उत्तीर्ण करनेवाले झारखंड के अभ्यर्थियों को हाइकोर्ट से बड़ी राहत मिल गयी है. ऐसे उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया (प्रारंभिक विद्यालय सहायक आचार्य संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा) में शामिल करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही हाइकोर्ट ने यह शर्त लगाते हुए कहा है कि सीटेट व दूसरे राज्यों से टेट उत्तीर्ण करनेवाले झारखंड के अभ्यर्थी यदि शिक्षक पद पर नियुक्त होते हैं, तो उन्हें तीन साल के अंदर जो पहली जेटेट होगी, उसे पास करना अनिवार्य होगा. यदि तीन वर्ष के अंदर राज्य सरकार जेटेट नहीं आयोजित करती है, तो यह शर्त लागू (क्षांत) नहीं होगा. हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को प्रत्येक वर्ष कम से कम एक शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) लेने का आदेश दिया. चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र और जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने सीटेट उत्तीर्ण अभ्यर्थी संघ व अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई के बाद उक्त फैसला सुनाया. अपना फैसला सुनाने के दौरान खंडपीठ ने महाधिवक्ता राजीव रंजन से कहा कि वह राज्य सरकार के संबंधित अधिकारियों से निर्देश लेकर यह बतायें कि कोर्ट का आदेश प्रार्थियों को परीक्षा प्रक्रिया में शामिल कराने का है. इस पर महाधिवक्ता ने प्रारंभिक तौर पर इस बात से मना किया कि सीटेट में क्षेत्रीय भाषा नहीं होती है, इसलिए यह मानना संभव नहीं होगा. पूर्व में भी राज्य सरकार ने असमर्थता जतायी थी. खंडपीठ ने मौखिक रूप से महाधिवक्ता को निर्देश दिया.
महाधिवक्ता बोले- सीटेट पास को शामिल करने पर सरकार सहमत
इसके बाद महाधिवक्ता श्री रंजन ने कहा कि सीटेट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को शामिल करने पर राज्य सरकार सहमत है. महाधिवक्ता की सहमति के बाद खंडपीठ ने अपना आदेश पारित किया. खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा कि राज्य के लाखों अभ्यर्थी शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होने से वंचित हो जायेंगे, यह उचित नहीं है, क्योंकि सीमित पदों पर नियुक्ति के लिए जब विज्ञापन निकाले जाते हैं, तो भारी संख्या में आवेदन आते हैं. लाखों अभ्यर्थी चयन प्रक्रिया से वंचित हो जायेंगे, यह उचित प्रतीत नहीं होता है. यह दुर्भाग्य का विषय है कि झारखंड में पिछले सात वर्षों से टेट का आयोजन ही नहीं किया गया. खंडपीठ ने यह भी कहा कि राज्य के हित में कोर्ट यह फैसला दे रहा है, जो छात्रों के हित में है. मामले में 18 अगस्त 2023 को सुनवाई पूरी होने के बाद खंडपीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
प्रार्थियों का पक्ष
इससे पूर्व मामले की सुनवाई के दौरान प्रार्थियों की ओर से पूर्व महाधिवक्ता व वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार, अधिवक्ता रोहित रंजन सिन्हा ने पक्ष रखा था. उन्होंने बताया था कि वर्ष 2016 के बाद से सात वर्षों से झारखंड में टेट नहीं लिया गया है. राज्य सरकार नो प्रारंभिक विद्यालयों में सहायक आचार्य के 26001 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की है. वैसी स्थिति में एनसीटीइ के प्रावधान के अनुसार, दूसरे राज्यों से टेट पास व सीटेट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को चल रही नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति दी जाये अथवा टेट लिया जाये. तब नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाये.
राज्य सरकार का पक्ष
राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने खंडपीठ को बताया था कि 26001 सहायक आचार्यों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो गयी है, जिसे रोका नहीं जा सकता है. इसकी प्रक्रिया पूरी होने के बाद टेट का आयोजन किया जायेगा. सीटेट में क्षेत्रीय भाषा का प्रावधान नहीं होता है, इसलिए उन्हें शामिल करना संभव नहीं है.
इन्होंने दायर की थी याचिका
उल्लेखनीय है कि प्रार्थी झारखंड सीटेट उत्तीर्ण अभ्यर्थी संघ के सचिव सोनू सुमन व अन्य की ओर से याचिका दायर की गयी है. साथ ही सूरज बिहारी मंडल, मोतीलाल नायक व आशा कुमारी ने भी याचिका दायर की थी.
प्रारंभिक विद्यालय सहायक आचार्य संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 12 जनवरी से
झारखंड प्रारंभिक विद्यालय सहायक आचार्य संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा–2023 का आयोजन 12 जनवरी से 31 जनवरी 2024 तक किया जायेगा. 26001 पदों पर नियुक्ति के लिए यह परीक्षा राज्य के बोकारो, देवघर, धनबाद, जमशेदपुर, सरायकेला-खरसावां व रांची जिले में अवस्थित विभिन्न केंद्रों पर होगी. इस संबंध में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) के परीक्षा नियंत्रक की और से आवश्यक सूचना जारी की गयी है. इसमें कहा गया है कि परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए प्रवेश पत्र डाउनलोड करने संबंधी सूचना आयोग की अधिकृत वेबसाइट पर जल्द ही प्रकाशित की जायेगी.