रांची (वरीय संवाददाता). इंडियन एसोसिएशन ऑफ वुमेन स्टडीज, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी व गुरुनानक कॉलेज धनबाद के तत्वावधान में विवि के सभागार में दो दिवसीय मध्य पूर्वी क्षेत्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन शुक्रवार को किया गया. इसका विषय था जेंडर एंड मार्जिनलाइजेशन इन मिड इस्टर्न इंडिया. उदघाटन सत्र की अध्यक्षता डीएसपीएमयू के कुलपति तपन कुमार शांडिल्य ने की.
उन्होंने झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ में महिलाओं की अद्यतन स्थिति की जानकारी प्रदान की. उन्होंने आज के संदर्भ में भारत सरकार द्वारा संचालित, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, योजना को महत्वपूर्ण पहल बताया. कुलपति ने कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य लैंगिक विषमता को समाप्त करना और बालिका सुरक्षा को बढ़ावा देना है. प्रथम सत्र के मुख्य वक्ता के रूप में वित्त आयोग के सदस्य प्रो हरिश्वर दयाल शामिल हुए. उन्होंने भी झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ की अनुसूचित जनजातियों के साथ होने वाले विषमता की चर्चा करते हुए इन क्षेत्रों में होने वाले प्रवासन के विषय में बताया. उन्होंने बताया कि व्यक्ति का प्रवासन स्थान उसी स्थान से होता है जो उसका मूल स्थान रहा. वहीं मिड इस्टर्न रीजन कमेटी की को-ऑर्डिनेटर अमिता कुमारी ने कांफ्रेस के विषय की विस्तार से जानकारी दी.पहले दिन छह तकनीकी सत्र का आयोजन
पहले दिन छह तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया. जिसमें डेवलपमेंट एंड डिस्प्लेसेंट, लाइवलीहुड एंड माइग्रेशन, हेल्थ एंड एजुकेशन सिस्टम, वायलेंस एंड मार्जिनलाइजेशन और रेजिस्टेंस एंड सोशल मूवमेंट विषय शामिल रहे. वहीं इन सभी सत्रों में झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से आये प्रतिभागियों ने इन सभी विषयों पर अपने पत्र प्रस्तुत किये. इस अवसर पर डॉ शमा सोनाली, डॉ कल्पना करुणाकरण, डॉ अभय कृष्ण सिंह, डॉ धनंजय वासुदेव द्विवेदी, डॉ शुचि संतोष बरवार सहित अन्य मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है