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Sawan 2023: सावन की पहली सोमवारी को बाबा का कैसे होगा जलाभिषेक? स्वर्णरेखा नदी का पानी है प्रदूषित

स्वर्णरेखा नदी का जल दूषित हो चुका है. पानी का रंग काला हो गया है, जिससे बदबू आती है. पानी में कल कारखानों से निकलने वाले केमिकल के मिलने की वजह से सफेद झाग का अंबार लगा है.

नामकुम, राजेश वर्मा: सावन की पहली सोमवारी को लेकर नामकुम स्थित स्वर्णरेखा नदी के तट पर तैयारी की गयी. शनिवार को उपायुक्त के निरीक्षण के बाद रविवार को नगर निगम के द्वारा नदी के दोनों किनारों पर सफाई की गयी. निगम के द्वारा कावंड़ियों की सुविधा के लिए लाइट एवं पानी की व्यवस्था की गयी है. पुलिस बल तैनात किये गये हैं. आसपास जल कलश एवं पूजन सामग्री की दुकान भी लगायी गयी है. दूसरी ओर इधर कई लोगों ने नदी के प्रदूषित जल को लेकर चिंता जतायी है.

नदी के पानी से आती है बदबू

स्वर्णरेखा नदी का जल दूषित हो चुका है. पानी का रंग काला हो गया है, जिससे बदबू आती है. पानी में कल कारखानों से निकलने वाले केमिकल के मिलने की वजह से सफेद झाग का अंबार लगा है. पहाड़ी मंदिर जाने से पूर्व पूरे राजधानी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के श्रद्धालु नदी में स्नान कर कलश में जल लेकर जलाभिषेक के लिए जाते हैं. श्रद्धालुओं के स्नान करने के लिए टैंकर से पानी की व्यवस्था की गयी है, लेकिन जलाभिषेक के लिए नदी का दूषित जल लेकर जाना मजबूरी है. शनिवार को निरीक्षण के बाद उपायुक्त ने नदी का जायजा लिया था. उन्होंने भी नदी के पानी को दूषित बताते हुए कांवरियों के स्नान के लिए नगर निगम के द्वारा पानी टैंकर उपलब्ध करवाने की बात कही थी. रविवार को तीन टैंकर पानी नदी पर लाया गया, लेकिन तीन टैंकर सैकड़ों शिवभक्तों के लिए कम हैं.

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मुख्य सड़क अंधेरे में, स्ट्रीट लाइट सिर्फ दिखावा

शहर से आने वाले श्रद्धालु लोवाडीह, चुटिया एवं दुर्गा सोरेन चौक से ओवर ब्रिज होकर नदी तक पहुंचते हैं. इसके वाबजूद सभी मुख्य सड़कों पर अंधेरा पसरा है. लोवाडीह से शनि मंदिर रेलवे लाइन तक एवं दुर्गा सोरेन चौक से ओवर ब्रिज होते हुए नदी तक अंधेरा है. स्ट्रीट लाइट लगीं हुईं हैं, लेकिन जलायी नहीं गयीं हैं.

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रेलवे लाइन बड़ी चुनौती

नदी में स्नान के लिए आने वाले ज्यादातर कांवरिया शनि मंदिर के पीछे स्थित रेलवे लाइन पार कर नदी पहुंचते हैं. कुछ दिन पहले रेलवे के द्वारा उस रास्ते को बंद कर दिया गया है, ऐसे में लाइन पार कर जाना बड़ी चुनौती है. प्रशासन के द्वारा पुलिस बल की तैनाती की गयी है, लेकिन ट्रेनों के आवागमन के दौरान कांवरियों को स्वयं सावधानी बरतनी होगी. लाइन के आसपास भी पर्याप्त लाइट की व्यवस्था नहीं है.

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