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रांची : झारखण्ड उच्च न्यायालय के न्यायामूर्ति-सह-कार्यपालक अध्यक्ष, झालसा, जस्टिस सुजित नारायण प्रसाद के दिशा-निर्देश तथा माननीय न्यायायुक्त-सह-अध्यक्ष डालसा, रांची के मार्गदर्शन में भूमि व राजस्व संबंधित विशेष लोक अदालत का आयोजन किया गया.
लोक अदालत में कुल 13 बेंचों का किया गया था गठन
इस लोक अदालत को सफल बनाने के लिए कुल 13 बेंच बनाए गए थे. जिनमें दो बेंच न्यायिक दंडाधिकारियों व 11 बेंच कार्यपालक दंडाधिकारी के लिए बनाया गया था. यह विशेष लोक अदालत भूमि व राजस्व, भूमि अधिग्रहण, विस्थापन, मुआवजा व इससे संबंधित अन्य मामलों को जल्द निपटाने के लिए आयोजित की गयी थी. 25 जून को सभी अंचल कार्यालय एवं सीसीएल रांची में डालसा, रांची के द्वारा अधिक-से-अधिक वादों के निस्तारण के लिए कैंप भी लगाया गया था.
45.91 करोड़ रुपये का हुआ सेटलमेंट
यह लोक अदालत का सफल आयोजन किया गया और इसमें भूमि व राजस्व से संबंधित कुल 1,41,559 वादों का निस्तारण किया गया. लोक अदालत में कुल 45,91,70,121 रुपये का सेटलमेंट भी किया गया. इस विशेष लोक अदालत में अन्य मामलों को छोड़कर मुख्य मामले दाखिल खारिज से संबंधित कुल 23499 मामलों का निस्पादन हुआ. भूमि अधिग्रहण से संबंधित 53 मामलों का निस्पादन किया गया, जिसमें क्षतिपूर्ति की राशि 8,19,82,302 लाभूकों के बीच वितरित की गयी. कोल बियरिंग से संबंधित 15 वादों में करीब 90 लाभुकों के बीच 2,55,95,680 रूपये का चेक का वितरण भी किया गया. सी.आर.पी.सी की धारा 107, 144, 145, 147 से संबंधित 1032 वादों को निस्पादन भी इस विशेष लोक अदालत में किया गया. इसके अलावा सर्टिफिकेट वादों में 14 वादों का निस्पादन किया गया.
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