झारखंड के पूर्व सीएम व दिशोम गुरु शिबू सोरेन (Shibu Soren Birthday) का आज जन्मदिन है. वे 80 साल के हो गए. सीएम हेमंत सोरेन के पिता और गुरुजी के नाम से लोकप्रिय शिबू सोरेन ने राजनीतिक करियर की शुरूआत अपने पिता की हत्या के बाद शुरू किया. उन्होंने लकड़ी बेचकर अपने परिवार को पाला और महाजन प्रथा के खिलाफ आंदोलन शुरू छेड़ा. 4 फरवरी 1973 को शिबू सोरेन ने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना की. ऐसे में आज हम उनके जीवन के संघर्ष की कहानी को जानने की कोशिश करेंगे .
11 जनवरी 1944 रामगढ़ जिले के नेमरा में शिबू सोरेन का जन्म हुआ था
शिबू सोरेन ने गोला से धनकटनी आंदोलन शुरू किया, यह धीरे-धीरे बोकारो से होते हुए टुंडी तक जा पहुंचा. यह तस्वीर उसी दौर की है.
70 के दशक में टुंडी और पारसनाथ के पहाड़ी क्षेत्र में शिबू सोरेन की समानांतर सरकार चलती थी. उसी समय की यह दुर्लभ तस्वीर है.
गुरुजी ने 1973 में बिनोद बिहारी महतो और एके राय के साथ मिलकर झारखंड मुक्ति मोर्चा का गठन किया.
निर्मल महतो के रूप में गुरुजी को बड़ा आंदोलनकारी मिला, जो बाद में झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष बने.
एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने िपता िशबू सोरेन के जन्मदिन के मौके पर केक कटवाते हुए.