प्रतिनिधि, बुढ़मू : थाना क्षेत्र के उमेडंडा में मंगलवार और बुधवार को कर्फ्यू जैसी स्थिति के बाद बेड़ो डीएसपी अशोक कुमार राणा, इंस्पेक्टर शशिभूषण चौधरी, बुढ़मू व खलारी के थाना प्रभारियों के प्रयास से बुधवार को दोपहर लगभग 12 बजे उमेडंडा में दुकानें खोली गयीं. इस दौरान ग्रामीणों ने उमेडंडा में टीओपी बनाने की मांग की. पुलिस ने उमेडंडा में कैंप लगाकर ग्रामीणों को भरोसा दिलाया और टीओपी बनाने की मांग से वरीय अधिकारियों को अवगत कराया.
नब्बे के दशक में था पुलिस कैंप : नब्बे के दशक में बुढ़मू में जब माओवादियों का प्रकोप था, उस वक्त उमेडंडा व गेसवे में पुलिस पिकेट बनाया गया था. गेसवे का पिकेट जिले का सशक्त पुलिस पिकेट था. जिसे बाद में हटा लिया गया. इसी प्रकार उमेडंडा में भी पिकेट था. जिसे चुनाव के दौरान खाली पिकेट को उग्रवादियों ने ध्वस्त कर दिया था. पहाड़ी जी को दुकानदार ने नहीं पहचाना :रामेश्वर महतो उर्फ पहाड़ी जी और अनीश अंसारी उर्फ अविनाश जी को दुकानदार द्वारा नहीं पहचानना बंद का कारण बना. रामेश्वर महतो उर्फ पहाड़ी जी ने दूरभाष पर बताया कि सोमवार को वे लोग उमेडंडा में जैकेट खरीदने गये थे. इस दौरान दुकानदार ने उन्हें करीब दस मिनट तक खड़ा रखा और बावजूद उसका व्यवहार ग्राहकों के प्रति ठीक नहीं था. साथ ही उनलोगों के साथ भी उसने सहयोगात्मक व्यवहार नहीं किया. इसके कारण ही उन्हें उमेडंडा में सभी दुकानों को बंद कराना पड़ा.
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